Discovery of electricity: बिजली के आविष्कार के बारे मे आपको ये बाते पता नहीं होगी, जाने यहाँ
Amazing Fact In Hindi : दोस्तों आज के दौर मे बिजली की कितनी अहमियत होती है, ये बताने की जरूरत नहीं है। हर छोटे से लेकर बड़े काम के लिए बिजली की आवश्यकता हमारे जीवन मे बहुत जरूरी हो गई है, रोजमर्रा की जिंदगी मे मोबाईल,लैपटॉप चार्ज करने से लेकर लाइट,पंखे, मोटर या बड़ी बड़ी फेक्टरियों को चलाना हो, इलेक्ट्रिसिटी आज हमारी जिंदगी मे काफी ज्यादा जरूरत बन चुकी है, लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर इलेक्ट्रिसिटी का आविष्कार आखिर हुआ कैसे, आज के आर्टिकल मे हम आपको बताने बाले है कि आखिर इलेक्ट्रिसिटी का आविष्कार किसने किया और इसके पूछे की रोचक कहानी। ये सब मज़ेदार जानकारी आपको इस लेख मे मिलने वाली है, तो आइए जानते है इलेक्ट्रिसिटी के आविष्कार के की पूरी कहानी।
बिजली की खोज किसने की और कैसे हुई?
दोस्तों कुछ इनवेंसन्स होते ही ऐसे है, जो दुनिया को बदल के रख देते है, इन्ही मे से एक बिजली की खोज है, आपको बता दे की दुनिया मे बिजली की खोज हुई थी आविष्कार नहीं हुआ था, क्योंकि बिजली पहले से ही दुनिया मे दौड़ रही थी, जैसे आग की खोज हुई थी बिल्कुल इसी तरह बिजली की भी खोज हुई थी। इलेक्ट्रिसिटी की खोज मे कई बड़े-बड़े वैज्ञानिकों का योगदान रहा है। बिजली की खोज किसी एक वैज्ञानिक ने नहीं की है जबकि इसकी खोज के बाद कई वैज्ञानिकों ने पीढ़ी दर पीढ़ी इसमें सुधार किया है और इसे बनाने के नए नए तरीके को इन्वेंट किया।
- लगभग 600 ईसा पूर्व एक महान साइंटिस्ट थेल्स ने पता लगाया कि कांच के टुकड़ों को रेशम या बिल्ली के बाल से रगड़ने पर कांच में एक ऐसी पावर आ जाती है जो कि अपने से हल्की चीजों को अपनी ओर आकर्षित कर देता है, लेकिन लोगों ने इसे काला जादू कहकर ध्यान नहीं दिया। बाद में थेल्स ने इस पर काफी रिसर्च की, और फिर समझ में आ गया कि जादू नहीं साइंस है। थेल्स अपनी कुछ रिसर्च करने के बाद इसे इलेक्ट्रिसिटी नाम दिया।
- जिसके बाद करीब 1752 मे बेनजेमिन फ़्रेंकलिन के नाम के एक वैज्ञानिक ने यह साबित किया था कि आसमान मे चमकने वाली बिजली और बिजली की चिंगारी दोनों ही एक है, उन्होंने इसका एक्सपेरिमेंट करने के लिए बरसात की बारिश के दौरान एक पतंग पर एक गीली रस्सी बांध दी और उस धागे मैं चाबी लटका दी, उस पतंग को उड़ाने लगे जिसके बाद पतंग जैसे ही ऊपर उड़ी पतंग के जरिए बिजली का हल्का झटका भी लगा। जहां से उन्होंने यह साबित कर दिया कि आसमान में चमकने वाली बिजली और इलेक्ट्रिसिटी लगभग एक ही है। अपनी जान को जोखिम मे डालकर आखिरकार उन्होंने खोज कर ली।
- सन 1800 मे इटालियन के एक वैज्ञानिक आलेसेंडरों वोल्टा ने एक जबरदस्त खोज कर ली, और वह यह थी कि केमिकल रिएक्शन से भी बिजली उत्पन्न की जा सकती है और उन्होंने एक इलेक्ट्रिक सेल का आविष्कार किया जिस से बिजली प्राप्त की जा सकती थी। और इसी साइंटिस्ट के नाम से ही वॉल्ट यूनिट नाम रखा गया।
- इसके बाद 1878 मे अमेरिका के वैज्ञानिक थॉमस एडिसन ने बताया की अगर एक तांबे के तार मे यदि चुंबक को गोल गोल घुमाया जाता है तो इससे भी बिजली पैदा की जा सकती है , और इस प्रयोग का इस्तेमाल करते हुए थॉमस और ब्रिटिश के वैज्ञानिक जोसेफ स्वान ने फिलमन्ट लाइट बल्ब के आविष्कार अपने अपने देशों मे किए। आज भी बल्ब का अविष्कारक थॉमस एडिसन को ही माना जाता है।
जानिए AC करंट की खोज कब और किसने की
अभी भी डीसी करेंट का ही इस्तेमाल किया जा रहा था जिस की सबसे बड़ी कमी यह थी कि डीसी करंट को सिर्फ दो या 3 किलोमीटर की रेंज पर ही पहुचाया जा सकता है, इसी बीच थॉमस की कंपनी मे एक और विज्ञानिक काम करते थे जिनका नाम निकोला टेस्ला था। और टेस्ला को डीसी करंट की सारी कमियों की जानकारी थी इसिलिए वो AC करंट पर काम कर रहे थे, वह चाहते थे कि एक ऐसा करंट का निर्माण किया जाए जो काफी दूर तक पहुंचाया जा सके, जब उन्होंने अपना सारा एक्सपेरिमेंट एडिशन को बताया तो एडिसन ने एसी करंट को अपनाने से साफ इनकार कर दिया, जिसके बाद टेस्ला ने उनकी कंपनी को छोड़ दिया। फिर उन्होंने एसी जनरेटर और मोटर पर काम करना शुरू कर दिया आखिरकार 1887 में टेसला ने एसी करंट की खोज की। इसी तरह कई वैज्ञानिकों ने बिजली का आविष्कार कर हमारी जिंदगी को आसान किया।
भारत मे बिजली कब आई बिजली?
बात करें कि भारत में बिजली के इस्तेमाल कब शुरू हुआ, या फिर भारत में बिजली का आगमन की तो बता दें कि भारत में सबसे पहले बिजली सन 1879 में कोलकाता शहर में आई थी। इस तरह इलेक्ट्रिसिटी की खोज कई महान वैज्ञानिकों के द्वारा की गई। आपको यह फैक्ट केसा लगा कमेन्ट मे जरूर बताइएगा।
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