Success Story: जानिए केसे एक सब्जी बेचने वाला बना सरकारी अधिकारी 

Success Story: आज हम बात करने वाले है गिरधर सिंह रांडा की सफलता कहानी के बारे मे, जिनका जन्म 1 जुलाई 1993 मे राजस्थान के एक छोटे से गाव उण्डवा मे हुआ था, जिन्होंने अपनी जिंदगी मे कई मुसीबतों का सामना किया और हार न मानते हुए एक सरकारी अफसर का पद हासिल कर लिया। आपको बता कि वे लगातार 21 सरकारी परीक्षाओ मे फेल होते चले गए, और वे स्कूल भी नंगे पैर जाते थे, मतलब उनके परिवार की आर्थिक स्थिति काफी ज्यादा कमजोर थी तथा वे अपनी पढाई का खर्च उठाने के लिए सब्जी बेचा करते थे। 

परिवार मे हुई थी चार आत्महत्या 

गिरधर सिंह की जिंदगी बचपन से ही सघर्ष से भारी थी। उन्होंने कई असफलताए भी देखी, लेकिन उन्होंने अपनी जिंदगी मे कभी भी हार नहीं मानी। उनके परिवार की बात करें तो उनके घर में उनके पिताजी शराब पीते थे तथा उनके बड़े भाई दोनों पैर से विकलांग थे। उनके घर चार आत्महत्या हुई, उनकी दादी, दादाजी और उनके चाचा ने आत्महत्या कर ली थी। साथ ही समय के साथ साथ उनके बड़े भाई ने भी आत्मदेह कर लिया। जिसके बाद से वे काफी हताश रहने लगे लेकिन उन्होंने काफी हार नहीं मानी। 

लगातार 21 सरकारी परीक्षा मे नहीं मिली थी सफलता 

गिरधर सिंह अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को देखकर काफी निराश से हो गए थे, वे नंगे पैर स्कूल जाया करते थे। और परिवार का खर्च भी स्वयं उठाया करते थे जिसके लिए वे स्कूल की छुट्टी के बाद सब्जी बेचा करते थे। उन्होंने अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को देखकर यह ठान लिया था कि वे अपनी जिंदगी मे कुछ बनकर दिखाएंगे। और वे कक्षा 12वी उत्तीर्ण होने के बाद सरकारी नौकरी के लिए प्रिपरेशन करने लगे, इसी बीच पिताजी ने पढ़ाई ना करके  मजदूरी करने के लिए कहा लेकिन उन्होंने उनकी एक न सुनी व पढ़ाई पर ध्यान दिया। 

वे लगातार सरकारी  भर्तियों के लिए परीक्षा देते रहें,  तथा उनको लगातार असफलता देखने को मिली। आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि उन्होंने लगातार 21 सरकारी नौकरियों के लिए परीक्षाएं दी थी और उन सभी में उनको असफलता मिली थी। जिससे मैं काफी निराश हो गए उनको  लोग कहने लगे कि तुमसे नहीं होगा अब तुम पढ़ाई छोड़ दो और मजदूरी में लग जाओ।

अतः गिरधर सिंह हार ना मानते हुए अपनी प्रिपरेशन में लग गए  जिसके बाद उन्होंने अधीनस्थ सेवा आयोग द्वारा निकली गई ग्राम विकास अधिकारी की भर्ती के लिए आवेदन दिया और उन्होंने इस बार पूरी तैयारी के साथ इस परीक्षा में शामिल हुए। उनको इस भर्ती परीक्षा में सफलता मिली तथा वे एक गाव विकास अधिकारी बन गए।

इसी तरह उन्होंने यह साबित कर दिया कि सफलता किसी की मोहताज नहीं होती अगर इंसान पूरी मेहनत और लगन के साथ अपने काम में लग जाए उनको सफलता अवश्य मिलती है।  ऐसी इंटरेस्टिंग सक्सेस स्टोरी के लिए आप  हमारी वेबसाइट के साथ बने रहे। 

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