UPSC Success Story: जाने यूपीएससी मे 54 वे स्थान प्राप्त करने वाले अर्पित गुप्ता की संघर्षतापूर्ण सफलता की कहानी
UPSC Success Story Hindi: यूपीएससी की परीक्षा, जो कि देश सबसे कठिन परीक्षाओ मे से एक माने जाने वाली परीक्षा है। इस परीक्षा मे उत्तीर्ण होकर अभ्यर्थी को देश की कई बड़ी सेवाओ जैसे IAS,IPS, जेसे बड़े बड़े पद प्राप्त होते है। इस परीक्षा को मे सफलता प्राप्त करना कोई आम बात नहीं है वल्की ईसमे सफलता हासिल करने के लिए काफी अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
कई अभ्यर्थी तो ऐसे होते है जो इस परीक्षा मे पास होने के लिए कई सालों के पश्चात सफलता हासिल नहीं कर पाते है तो कई ऐसे भी होते हैं जो पहली बार में ही इसमें अपनी सफलता प्राप्त कर लेते हैं। लेकिन यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को कहीं संघर्षों का सामना करना पड़ता है.।
आज हम आपको इस लेख में अर्पित गुप्ता के बारे में बताने वाले हैं जिन्होंने यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में 54 वी रैंक के साथ अपनी सफलता प्राप्त कर ली, यूपीएससी करियर के सफर में उनकी भी जिंदगी काफी समस्याओं से भरी रही। अर्पित गुप्ता की पूरी सक्सेस स्टोरी के लिए लेख को अंत तक पढ़े।
पहली बार यूपीएससी परीक्षा देते समय तबीयत लगातार खराब हो रही थी
अर्पित गुप्ता ने अपनी स्टोरी सुनाते हुए कहा कि पहली बार में यूपीएससी की परीक्षा देते समय उनको काफी ज्यादा समस्या आई थी, उनकी पहली कोशिश में ही परीक्षा देते समय तवीयत खराब हो गई थी। अर्पित गुप्ता गोरखपुर शहर के एक छोटे से कस्बे मे रहते है जो कि बहुत ही पिछड़ा माना जाता है। उन्होंने अपनी आठवीं तक की पढ़ाई अपने जन्म स्थान से ही की थी। उसके बाद उन्होंने हाई स्कूल तथा हाई सेकेंडरी विद्यालय की पढ़ाई गोरखपुर शहर से की।
जिसके बाद आईआईटी रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग से उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के लिए पढ़ाई शुरू की, लेकिन उनको अपने करियर के लिए प्रॉपर गाइडेंस नहीं मिल पा रही थी। यूपीएससी की पढ़ाई करने के लिए अर्पित के घर वालों ने उन्हें दिल्ली भेज दिया क्योंकि उनके यहां पढ़ाई के लिए कोई रिसोर्सेज नहीं था।
दिल्ली में जाने के बाद उन्होंने कोचिंग नहीं की बल्कि यूपीएससी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के साथ रहे ताकि उनको कुछ मोटिवेशन व सीखने को मिल सके। वे यूपीएससी की कोचिंग अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए नहीं कर सके।
उन्होंने 2020 मे यूपीएससी की पहली परीक्षा दिल्ली से ही दी थी जब अर्पित की प्रिलिम की परीक्षा थी तो उनकी तबीयत लगातार खराब होती गई, फिर भी उन्होंने जैसे-तैसे प्रीलिम की परीक्षा दे दी।
अर्पित की मेंस परीक्षा थी तो उनको निमोनिया नामक खतरनाक बीमारी हो गई थी उन्होंने इस बीमारी में ही मेंस की परीक्षा दी, 23 मार्च 2021 में उनका मेंस परीक्षा का रिजल्ट आया तो उनको पता चला कि वह इस परीक्षा में मात्र एक नंबर से असफल हो गए थे, उस समय कटऑफ 736 नंबर का था लेकिन उनके 735 नंबर ही आ पाए थे।
इस असफलता से उनको काफी निराशा भी क्योंकि उनका यह सपना था कि वे पहले अटेंप्ट में इंटरव्यू तक पहुंच जाए। लेकिन उनका यह सपना सच नहीं होता है और वह मेंस में असफल रहे। जिसके बाद उनको लगा कि दिल्ली उनके लिए सही प्लेस नहीं है फिर भी घर चले गए और वहीं अपनी आगे की तैयारी शुरू की।
जब वह अपनी पहली कोशिश पर एक नंबर से रह गए थे तो उनके आसपास के लोगों से उन्हे ताने मिल रहे थे लोग उनको कह रहे थे कि यूपीएससी में जाना उनके किस्मत में नहीं है क्योंकि वे मात्र एक नंबर से ही असफल रहे थे। लेकिन उन्होंने लोगों की बातों पर ध्यान ना देते हुए अपनी आगे की तैयारी शुरू कर दी और इस बार उन्होंने अपनी तैयारी अच्छी रणनीति के साथ शुरू की।
परीक्षा के नजदीक मे हो गई थी अपने भाई की मृत्यु
अर्पित गुप्ता यूपीएससी परीक्षा मे अपनी पहली कोशिश मे असफल के बाद काफी ज्यादा निराश हो गए थे, उनके आसपास के लोग भी उन्हें ताने मारने लगे, फिर काफी सोच विचार के पश्चात उन्होंने अपने खुद पर बिलीव किया और फिर से तैयारी मे लग गए। उस समय यूपीएससी के लिए 2021 में प्रीलिम परीक्षा 10 अक्टूबर 2021 को थी।
उन्होंने इस परीक्षा के लिए अपनी तैयारी जोरों से की लेकिन परीक्षा के 15 दिन पहले उनके साथ ऐसा जो कभी सोचा नहीं था। दरअसल प्रिलिम परीक्षा आयोजन के 15 दिन पहले अर्पित के भाई का देहांत हो गया, इस दुख भरी घटना मे उनका पढाई से मन हट गया लगभग 4 दिन वे डिस्ट्रेक्शन में चले गए।
लेकिन उन्होंने फिर से अपने गोल की तरफ मोड लिया और पढाई मे लग गए। इस तरह वे अपनी मेहनत और सेल्फ विलिब की बजह से 2021 मे यूपीएससी की परीक्षा मे 54वे रेंक के साथ सफलता प्राप्त कर ली।
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