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CTET 2022-23: सीटेट एग्जाम में बेहतर परिणाम के लिए ‘संस्कृत पेडागोजी’ के इन सवालों को एक बार अवश्य पढ़ें!

MCQ on Sanskrit Pedagogy CTET: शिक्षक बनने की चाह लिए देश के लाखों युवा प्रतिवर्ष केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा में सम्मिलित होते हैं। वर्ष में दो बार आयोजित इस शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन इस वर्ष 28 दिसंबर 2022 से 7 फरवरी 2023 तक ऑनलाइन मोड में देशभर के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर किया जाएगा। ऐसे में अच्छे अंकों के साथ सफलता प्राप्त करने के लिए अभ्यर्थियों को चाहिए कि वह परीक्षा में पूछे जा रहे प्रश्नों के आधार पर अपनी तैयारी करें। यहां पर हम परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थियों के द्वारा दिए फीडबैक के आधार पर संस्कृत शिक्षण शास्त्र से संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्न आपके साथ साझा कर रहे हैं, जो कि इस प्रकार हैं।
Sanskrit Pedagogy IMP Questions For CTET Exam—संस्कृत शिक्षण शास्त्र के ऐसे प्रश्न जो अपनी शिफ्ट में पूछे जा सकते हैं
1. द्वितीयकक्षायाः शिक्षिका कक्षायां भावभङ्गिमय अभिव्यक्त्या च सह एकां बहुरुचिकरां कथां श्रावयति ततः अनन्तरं सा कांश्चन छात्रान् तां कथां स्वशब्दै पुनः कथयितुं निर्दिशति । एवं सा आकलनं करोति
(a) पठनावबोधस्य
(b) लेखनावबोधस्य
(c) श्रवणावबोधस्य
(d) सम्भाषणावबोधस्य
Ans- c
2. कक्षायां मुद्रणसमृद्धवातावरणम् (Print rich environ ment) इत्यस्य अभिप्रायः
(a) स्थूलतरैः अक्षरैः वर्णमालायाः स्कोरकपत्राणां भित्तिषु आलेखनम् (Pasting )
(b) सुन्दरकविताभिः तासां चित्रैः च भित्तीनाम् आलेपनम् (Painting )
(c) कक्षायाः भित्तयः रङ्गिताः सन्ति ।
(d) पाठितेन विषयेण सम्बन्धितानां लिखितसामग्रीणां भित्तिषु आलेपनम् (Painting )
Ans- a
3. प्रथमकक्षायाः भाषापुस्तके आदौ वर्णमाला दीयते ततः द्वयक्षरशब्दाः, अनन्तरं त्र्यक्षरशब्दाः अनन्तरं च कथा: कविताः च । एवं पुस्तके का पद्धतिः अनुसृता?
(a) अनुशासनात्मक पद्धतिः (Disciplinary approach)
(b) पाठ्यचर्यारूपरेखापद्धतिः (Curriculum framework approach)
(c) ऊर्ध्वगामी-पद्धतिः (Bottom up approach)
(d) अधोगामी-पद्धतिः (Top-down approach)
Ans- c
4. एका पठनगतसमस्या अस्ति –
(a) डिस्कालकुलिया (Dyscalculia)
(b) डिस्फोरिया (Dysphoria)
(c) डिस्लेक्सिया (Dyslexia)
(d) डिस्प्राफिया (Dysgraphia)
Ans- c
5. कक्षायां लेखनस्य प्रारम्भं कर्तुं शिक्षकः
(a) विद्यालयम् आगमनात् पूर्वं विभिन्नान् परिच्छेदान् पठितुं छात्रान् निर्दिशेत् ।
(b) सुन्दरहस्ताक्षरेण लेखितुं छात्रान् निर्दिशेत् ।
(c) विषयोपरि मन्थनं कृत्वा विचाराणां निर्माणं कुर्तुं छात्रान् निर्दिशेत्
(d) कृष्णफलके विषयोपरि लिखितं परिच्छेदम् अनुलेखितुं निर्दिशेत
Ans- c
6. बालेन मातृभाषायाः अधिग्रहणं भवति प्रमुखतया –
(a) लेखनेन ।
(b) औपचारिक शिक्षणव्यवस्थया
(c) श्रवणेन ।
d) सम्भाषणेन।
Ans- c
7. उत्पादक कौशलेषु कस्य समावेशः अस्ति?
(a) लेखनसम्भाषणे
(b) श्रवणसम्भाषणे
(c) पठनलेखने
(d) पठनश्रवणे
Ans- a
8. करुणा-नाम्ना तृतीयकक्षायाः शिक्षिका एका पाठयित्वा कक्षा छात्रान् किश्चित् कार्यं ददाति । अधोलिखितेषु किं कार्यं तया दीयताम् येन छात्राः सक्रियरूपेण भागग्रहणं कुर्युः ?
(a) यथा पाठे दत्तम् तथा कवितायाः प्रत्येकं पंक्तेः कण्ठस्थीकरणं कर्तुं छात्रेभ्यः निर्दिशेत् ।
(b) कवितायाः नवीनशब्दान् प्रयुज्य वाक्यानि निर्मातुं छात्रेभ्यः निर्दिशेत् ।
(c) कवितायाः अन्ते प्रदत्तानां प्रश्नानाम् उत्तरं लेखितुं छात्रेभ्यः निर्दिशेत् ।
(d) समूहे विभज्य कवितायाः स्वव्याख्यां दातुं छात्रेभ्यः निर्दिशेत ।
Ans- c
9. भाषायाः अधिग्रहण-विषये का उक्तिः समीचीना
(a) प्रत्येकं बालस्य भाषाधिग्रहणस्य जन्मजाता शक्तिः अस्ति ।
(b) बालाः विभिन्नस्त्रोतेभ्यः भाषायाः अधिगमं कुर्वन्ति ।
(c) भाषाम् अधिग्रहीतुं बालानां जन्मजाता शक्तिः नास्ति।
(d) यदा बालाः विद्यालयम् आगच्छन्ति, तदा ते भाषायाः अधिगमं कुर्वन्ति ।
Ans- a
10. एकस्याः अधिगमार्थम् अधस्तनेषु कस्य महत्त्व सर्वाधिकम्?
(a) पुस्तकानाम् पठनम्
(b) चलच्चित्राणां नाटकानां वा प्रेक्षणम्
(c) अध्ययनाध्यापनसामग्रीणाम् उपयोगः (Use of TLM)
(d) सामाजिकसंवादः
Ans- d
11. बाल: स्वाभाविकतया तस्य प्रथमां भाषाम् –
(a) अधिग्रहणं करोति ( acquires )
(b) पुनर्बलनं करोति ( reinforces)
(c) अधिगच्छति (learns)
(d) अनुकरोति (imitates)
Ans- a
12. अधोलिखितेषु किं ग्रहणात्मक कौशलम् अस्ति?
(a) पठनं लेखनं च
(b) पठनं सम्भाषणं च
(c) श्रवणं सम्भाषणं च
(d) श्रवणं पठनं च
Ans- d
13. शिक्षिका विशेषणविषये व्याख्यानं करोति । सा तदा सर्वान् छात्रान् प्रत्येकं न्यूनातिन्यूनम् एवं स्वगुणं वर्णयितुं निर्दिशति । अनन्तरं च तस्य लक्षणं ददाति अयं विधिः कथ्यते
(a) समग्रशारीरिकप्रतिक्रियाविधिः (Total Physical Response Method)
(b) निमज्जनविधिः (Immersion Method)
(c) आगमनविधिः (Inductive Method)
(d) निगमनविधिः (Deductive Method)
Ans- b
14. शिक्षकस्य साहाय्येन औपचारिकतया का भाषा अधिगम्यते?
(a) मातृभाषा
(b) गृहभाषा
(c) प्रथमभाषा
(d) द्वितीयभाषा
Ans- d
15. बालान् नवीनशब्दान् पाठयितुं शिक्षिका प्रकृतवस्तूनाम् उपयोगं करोति यतः
(a) एतेन प्रकृतजीवने दृष्टैः वस्तुभिः सह शब्दानां सम्बन्धस्थापने छात्राणां सहायता भवति ।
(b) बालशिक्षार्थिनः निराकारचिन्तने समर्थाः न सन्ति तस्मात् प्रकृतवस्तूनि तेषाम् अधिगमे साहाय्यं कुर्वन्ति ।
(c) वस्तुभिः एव वयं नवीनशब्दान् पाठयितुं शक्नुमः ।
(d) एतेन शब्दानां शुद्धवर्तन्याः पाठने सहायता भवति ।
Ans- a
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CTET 2022-23: ‘पर्यावरण NCERT’ पर आधारित इन रोचक सवालों से करें सीटेट परीक्षा की फाइनल तैयारी!
यहाँ हमने आगामी सीटीईटी परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थीयो के लिए ”संस्कृत पेडागोजी” से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल (MCQ on Sanskrit Pedagogy CTET) विषय के महत्वपूर्ण सवालों का अध्ययन किया है CTET सहित सभी शिक्षक पात्रता परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए आप हारे TELEGRAM CHANNEL के सदस्य जरूर बने Join Link नीचे दी गई है?
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UP Teacher Vacancy 2023: योगी सरकार का तोहफा, 51 हजार शिक्षक भर्ती जल्द, CTET-UPTET क्वालीफाई को मिलेगी एंट्री

UP Shikshak Bharti 2023 (UPDATED): उत्तर प्रदेश में लंबे समय से शिक्षक भर्ती परीक्षा का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों के लिए अच्छी खबर है. उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद (UPBEB) जल्द ही शिक्षक के 51 हजार से अधिक रिक्त पदों पर बंपर भर्ती निकालने वाला है. नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा चुनाव से पहले योगी सरकार प्रदेश में माध्यमिक व राजकीय विद्यालयों में रिक्त शिक्षकों के पदों पर भर्ती करने जा रही है.
इतने पदों पर होगी भर्ती
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बेसिक शिक्षा विभाग में टीजीटी/ पीजीटी शिक्षकों के लगभग 51 हजार से अधिक पद रिक्त हैं, इसके अलावा राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों के 7 हजार 471 पद रिक्त हैं. तो वही बात करें प्रवक्ता तथा सहायक अध्यापकों के पदों कि तो बताया जा रहा है प्रवक्ता के 2115 जबकि सहायक अध्यापक के 5256 पद खाली हैं जिनपर भर्ती की जानी है.
CTET-UPTET पास कर सकेंगें आवेदन
उत्तर प्रदेश के प्राइमरी तथा अपर प्राइमरी सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती सुपर टेट परीक्षा (SUPER TET) के माध्यम से की जाती है, जिसका आयोजन उत्तर प्रदेश बेसिक एजुकेशन बोर्ड द्वारा किया जाता है. सुपर टेट परीक्षा में केवल वे अभ्यर्थी ही शामिल हो सकते हैं जिन्होंने यूपी टेट परीक्षा (Uttar Pradesh Teacher Eligibility Test– UPTET) पास की हो. बहुत से अभ्यर्थियों के मन में यह सवाल भी रहता है कि क्या सीटेट परीक्षा क्वालीफाई अभ्यर्थी यूपी शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल हो सकते हैं?
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती परीक्षा यानी सुपर टेट में शामिल होने के लिए उम्मीदवार को किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री तथा टीचिंग ट्रेनिंग कोर्स (D.El.Ed, BTC, B.Ed. आदि) पास किया होना चाहिए साथ ही UPBEB द्वारा आयोजित यूपी टेट परीक्षा पास होना जरूरी है. इसके अलावा पेपर -1 के लिए सीटेट पास अभ्यर्थी भी सुपर टेट परीक्षा देने के पात्र होते हैं.
यदि बात करें आयु सीमा की तो न्यूनतम 21 वर्ष से लेकर अधिकतम 40 वर्ष की आयु वाले अभ्यर्थी सुपर टेट परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं हालांकि उत्तर प्रदेश के मूल निवासी अभ्यर्थियों को कैटेगरी वाइज अधिकतम आयु में छूट का प्रावधान है अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक नोटिफिकेशन पढ़ें.
इच्छुक उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट ctet.nic.in पर जाकर अपना आवेदन सबमिट कर सकते हैं. सीटेट परीक्षा पास करने पर उम्मीदवार सुपर टेट के साथ ही केंद्र सरकार द्वारा संचालित केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय तथा आर्मी पब्लिक स्कूल आदि में निकलने वाली शिक्षकों की भर्ती में भी शामिल हो सकते हैं.
कब आएगा यूपीटीईटी नोटिफ़िकेशन? (UPTET 2023 Notification Update)
उत्तर प्रदेश में शिक्षक बनने की चाह रखने वाले लाखों अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी यूपीटीईटी के नोटिफिकेशन का इंतजार कर रहे हैं नवीनतम मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपीटीईटी परीक्षा का नोटिफिकेशन फ़रवरी 2023 के अंतिम सप्ताह या मार्च के पहले सप्ताह तक जारी किया जा सकता है। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अभ्यर्थी आधिकारिक वेबसाइट updeled.gov.in पर जाकर आवेदन कर पाएंगे. जिसके बाद अप्रैल महीने में ऑनलाइन मोड में UPTET परीक्षा आयोजित की जाएगी.
अधिक जानकारी के लिए अभ्यर्थी लगातार शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर विजिट करते रहें बता दें कि यूपीटीईटी परीक्षा में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी की उम्र 18 साल या उससे अधिक होनी चाहिए इसके साथ ही बैचलर डिग्री या समकक्ष डिप्लोमा होना जरूरी है।
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CTET Answer Key 2023: शिक्षक पात्रता परीक्षा की आंसर की करें डाउनलोड, जानें कब तक आयेगा परीक्षा परिणाम

CTET Answer Key 2023: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड याने CBSE द्वारा आयोजित की जाने वाली CTET परीक्षा आज 7 फ़रवरी को पूरी हो चुकी है, यह परीक्षा 28 दिसंबर अग़ल-अलग दिन दो शिफ्ट में आयोजित की जा रही है जिसमें शिक्षक बनने की चाह रखने वाले लाखों अभ्यर्थी शामिल हुए है। अब परीक्षा की समाप्ति के बाद अभ्यर्थी अपनी आंसर की जारी होने का इंतज़ार कर रहे है, बता दें कि परीक्षा समाप्ति के कुछ दिन के भीतर ही CBSE द्वारा आंसर की जारी कर दी जाती है।
इस दिन जारी होगी आंसर की
CTET परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थियों का इंतज़ार जल्द ही ख़त्म होने वाला है मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ CBSE द्वारा 11 फ़रवरी 2023 को आधिकारिक वेबसाइट ctet.nic.in पर CTET पेपर 1 तथा पेपर 2 की आंसर की जारी कर दी जाएगी। इसके बाद मार्च माह में फाइनल आंसर-की तथा परीक्षा परिणाम जारी किया जा सकता है।
बता दें आंसर की लिंक ऐक्टिव होने के बाद उम्मीदवार अपने रजिस्ट्रेशन नंबर तथा जन्म तारीख़ की सहायता से आधिकारिक वेबसाइट पर लॉगिन कर अपनी उत्तर कुंजी डाउनलोड कर पाएँगें।
परीक्षा में लागू होगा नॉर्मलिज़ेशन
सीबीएसई द्वारा दिसंबर 2021 में पहली बार CTET परीक्षा ऑनलाइन आयोजित की गई थी, तथा इस बार भी यह परीक्षा ऑनलाइन ही आयोजित हुई है। चुकी परीक्षा का आयोजन अलग- अगल दिन कई शिफ़्टों में किया गया है लिहाज़ा परीक्षार्थियों के मध्य समान प्रतिस्पर्द्धा क़ायम रखने के लिए नॉर्मलिज़ेशन व्यवस्था को लागू किया गया है। बता दें कि परीक्षा में नॉर्मलिज़ेशन होने की जानकारी CBSE द्वारा नोटिफिकेशन जारी कर पहले ही दे दी गई थी।
CTET Exam Cut Off 2023
सीटीएटी परीक्षा में कैटेगरी वाइज कटऑफ़ निर्धारित किया गया है। पेपर 1 तथा पेपर 2 के लिए कट ऑफ अंक समान है। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी को इस परीक्षा में पास होने के लिए 60 प्रतिशत अंक याने 150 नंबर के पेपर में 90 अंक लाना होगा, जबकि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को 55 प्रतिशत अंक यानें 150 अंक के पेपर में 82 अंक लाना होगा।
Category | Minimum qualifying percentage | Minimum qualifying Marks |
Schedule Caste (SC) | 55% | 82 out of 150 |
Schedule Tribe (ST) | 55% | 82 out of 150 |
CTET Exam 2023 Important FAQs
नहीं, CBSE द्वारा आयोजित सीटीईटी परीक्षा में किसी भी प्रकार की नकारात्मक मार्किंग नहीं की जाती है।
आजीवन, CTET परीक्षा पास करने वालों अभ्यर्थियों को मिलने वाले सर्टिफिकेट की वैद्यता लाइफ टाइम कर दी गई है जो पहले 7 वर्ष थी।
इस परीक्षा में शामिल होने के लिए अधिकतम उम्र सीमा निर्धारत नहीं है, हालाकि न्यूनतम आयु 18 वर्ष होना चाहिए।
उम्मीदवार जीतने बार चाहे उतने बार सीटीईटी परीक्षा में शामिल हो सकते है, जो अभ्यर्थी इस परीक्षा में पास हो चुके है वे अपने स्कोर को सुधार के लिए दुबारा परीक्षा दे सकते है।
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CTET 2022-23: लेव वाइगोत्सकी के सिद्धांत से परीक्षा में पूछे जा रहे है ये सवाल, अभी पढ़ें

Lev Vygotsky’s Theories Based MCQ For CTET: शिक्षक बनने के लिए जरूरी सीटेट यानी केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन 7 फरवरी 2023 तक ऑनलाइन सीबीटी मोड में किया जा रहा है. यह परीक्षा 29 दिसंबर 2023 से शुरू हुई थी तथा अब 3, 4, 6 तथा 7 फरवरी को परीक्षा का आयोजन होना बाकी है. यदि आप भी आगामी सीटेट परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं तो इस आर्टिकल में दी गई जानकारी आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.
यहां पर हम नियमित रूप से सीटेट परीक्षा के लिए प्रैक्टिस सेट शेयर करते रहे हैं। इसी श्रृंखला में आज हम लेव वाइगोत्सकी के सिद्धांत पर आधारित कुछ ऐसे सवाल लेकर आए हैं, जो की परीक्षा में पूछे जा सकते हैं। तो लिए जाने इन महत्वपूर्ण सवालों को जो की इस प्रकार हैं।
लेव वाइगोत्सकी के सिद्धांत से जुड़े संभावित प्रश्न—CTET Exam Lev Vygotsky’s Theories Related Questions
1. लेव वाइगोत्स्की के अनुसार, निम्न में से किसके लिए “समीपस्थ विकास क्षेत्र” का इस्तेमाल करना चाहिए?
1. अध्यापन और मूल्याँकन
2. केवल अध्यापन
3. केवल मूल्यांकन
4. प्रवाही बौद्धिकता की पहचान
Ans- 1
2. एक विशिष्ट संप्रत्यय को पढ़ाने हेतु एक अध्यापिका बच्चे को आधा हल किया हुआ उदाहरण देती है। लेव वायगोत्सकी के अनुसार अध्यापिका किस रणनीति का इस्तेमाल कर रही है?
1. अवलोकन अधिगम
2. पाड़
3. द्वंद्वात्मक अधिगम
4. अनुकूलन
Ans- 2
3. ‘समीपस्थ विकास के क्षेत्र का संप्रत्यय किसने प्रतिपादित किया है?
1. जेरोम ब्रूनर
2. डेविड ऑसबेल
3. रोबर्ट एम. गायने
4 लेव व्यागोत्सकी
Ans- 4
4. रश्मि अपनी कक्षा में विद्यार्थियों के सीखने की क्षमता को ध्यान में रखकर विभिन्न प्रकार के कार्यकलापों का उपयोग करती है और सहपाठियों द्वारा अधिगम को बढ़ावा देने के लिए समूह भी बनाती है। निम्नलिखित में से कौन-सा इसका समर्थन करता है?
1. सिग्मंड फ्रॉयड का मनो यौनिक सिद्धांत
2. लेव वायगोत्सकी का सामाजिक सांस्कृतिक सिद्धांत
3. लॉरेंस कोहलबर्ग का नैतिक विकास का सिद्धांत
4. बी. एफ. स्किनर का व्यवहारवादी सिद्धांत
Ans- 2
5. वायोगात्सकी के सिद्धांत के अनुसार ‘निजी संवाद’
1. बच्चों के आत्मकेंद्रीयता का घोतक है।
2. बच्चों के क्रियाकलापों और व्यवहार का अवरोधक है।
3. जटिल कार्य करते समय बच्चे को उसके व्यवहार संचालन में सहायता देता है।
4. यह संकेत देता है कि संज्ञान कभी भी आंतरिक नहीं होता।
Ans- 3
6. कौन सा कथन लेव व्यागोत्सकी के मूल सिद्धांत को सही मायने में दर्शाता है?
1. अधिगम एक अन्तमन प्रक्रिया है।
2. अधिगम एक सामाजिक क्रिया है।
3. अधिगम उत्पतिमूलक क्रमादेश है।
4. अधिगम एक अक्रमबद्ध प्रक्रिया है जिसके चार चरण है।
Ans- 2
7. इनमें से कौन-सा अध्यापक द्वारा पाड़ का उदाहरण नहीं है?
1. अनुकरण के लिए कौशलों का प्रदर्शन करना
2. रटना
3. इशारे एवं संकेत
4. सहपाठियों संग साझा शिक्षण
Ans- 2
8. लेव वायगोत्सकी के संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत को ……….. कहा जाता है क्योंकि वे तर्क देते हैं कि बच्चों का सीखना संदर्भ में होता है।
1. मनोगतिशील
2. मनोलैंगिक
3. सामाजिक सांस्कृतिक
4. व्यवहारात्मक
Ans- 3
9. जब कोई अध्यापिका किसी विद्यार्थी को उसके विकास के निकटस्थ क्षेत्र पर पहुंचाने के लिए सहायता को उसके निष्पादन के वर्तमान स्तर के अनुरूप है, तो अध्यापिका किस नीति का प्रयोग कर रही है। कर रही है।
1. सहयोगात्मक अधिगम का प्रयोग
2. अंतर पक्षता का प्रदर्शन
3. पाड़
4. विद्यार्थी में संज्ञानात्मक द्वंद पैदा करना
Ans- 3
10. लेव वायगोत्सकी द्वारा दिए बच्चों के विकास का सिद्धांत किस पर आधारित है ?
1. भाषा और संस्कृति
2. भाषा और परिपक्वता
3. भाषा और भौतिक जगत
4. परिपक्वता और संस्कृति
Ans- 1
11.समीपस्थ विकास के क्षेत्र’ की संरचना किसने प्रतिपादित की थी?
1. लॉरेंस कोहल
2. लेव वायगोत्स्की
3. ज़ोरोंन ब्रूनर
4. जीन पियाजे
Ans- 2
12. निम्न में से कौन-सा कथन बच्चों के संज्ञानात्मक विकास के विषय में जीन पियाजे और लेव वायगोत्सकी के विचारों के बीच मुख्य अंतर दर्शाता है?
1. पियाजे बच्चों के स्वतंत्र प्रयासों द्वारा जगत को अनुभव करने पर जोर देते हैं, जबकि वायगोत्स्की संज्ञानात्मक विकास को सामाजिक मध्यस्थ प्रक्रिया के रूप में देखते हैं।
2. पियाजे बच्चों को सक्रिय स्वतंत्र जीव के रूप में देखते हैं, जबकि वायगोत्स्की उन्हें मुख्यतः वातावरण द्वारा नियंत्रित जीव के रूप में देखते हैं।
3. पियाजे भाषा को बच्चों के संज्ञानात्मक विकास के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं, जबकि विकास पर बल देते हैं।
4. पियाजे के अनुसार बच्चे अपने मार्गदर्शन के लिए स्वयं से बात कर सकते हैं, जबकि वायगोत्सकी के लिए बच्चों की बात आत्मकेन्द्रीयता का द्योतक है।
Ans- 1
13. एक अध्यापिका शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में विद्यार्थियों को सहपाठियों से अंतः क्रिया कराकर एवं सहारा देकर अध्यापन करती है। यह शिक्षण अधिगम की प्रक्रिया किस पर आधारित है ?
1. लॉरेंस कोहलबर्ग के नैतिक विकास सिद्धांत पर
2. जीन पियाजे के संज्ञानात्मक विकास सिद्धांत पर
3. लेव वायगोत्स्की के सामाजिक-सांस्कृतिक सिद्धांत पर
4. हावर्ड गार्डनर के बहुआयामी बुद्धि सिद्धांत पर
Ans- 3
14. वायगोत्स्की के सिद्धान्त के अनुसार ‘सहायक खोज’ किस में सहायक है।
1. संज्ञानात्मक द्वंद्व
2. उत्प्रेरक-प्रतिक्रिया सहचर्य
3. पुनर्बलन
4. सहपाठी- सहयोग
Ans- 4
15. कक्षा में विद्यार्थियों को त्यौहारों को मनाने के अपने अनुभवों को साझा करने के देना और उसके आधार पर सूचना निर्मित करने को बढ़ावा देना किसका उदाहरण है। ?
1. व्यवहारवाद
2. पाठ्यपुस्तक आधारित अध्यापन
3. सामाजिक संरचनावाद
4. प्रत्यक्ष निर्देशन
Ans- 3
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