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CTET 2022: अगली सीटीईटी परीक्षा जल्द, बालविकास शिक्षा शास्त्र के इन सवालों से जाने परीक्षा का लेवल

CTET July 2022 CDP Model Questions: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा साल में दो बार आयोजित होने वाली सीटेट परीक्षा का जुलाई सेशन नोटिफिकेशन जल्द ही जारी किया जाएगा शिक्षक बनने की इच्छा रखने वाले लाखों अभ्यर्थी इस परीक्षा में सम्मिलित होंगे यदि आप भी सीटेट परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो इस आर्टिकल में दी गई जानकारी आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है
सीटेट परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए अभ्यर्थियों को बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र विषय पर पकड़ बनाना बेहद आवश्यक है. सीटेट परीक्षा में दो पेपर आयोजित होते हैं और इन दोनों में ही बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र (CDP) समान रूप से पूछा जाता है इसके साथ ही सीटेट परीक्षा में पूछे जाने वाले सभी विषयों के पेडगॉजी सेक्शन के सवालों को हल करने के लिए अभ्यर्थियों को सीडीपी के कांसेप्ट क्लियर होना बेहद जरूरी है. इस आर्टिकल में बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र (CDP) के विगत परीक्षाओं में पूछे गए सवाल शेयर किए गए हैं इन सवालों का अध्ययन करके आप सीटेट परीक्षा में पूछे जाने वाले CDP के सवालों तथा इसके पैटर्न को समझ सकते हैं.
परीक्षा में पूछे जाएँगे बालविकास शिक्षा शास्त्र के ऐसे सवाल- CDP model Questions for CTET July exam 2022
Q.1 Child-centered pedagogy promotes : छात्र केन्द्रित शिक्षाशास्त्र की क्या विशेषता है?
(a) Rote memorisation./यंत्रवत् याद करना
(b) Labelling and categorization of students base on ability./योग्यता के आधार पर विद्यार्थियों को नामांकित करना तथा वर्गीकरण करना
(c) Exclusive reliance on text books. केवल पाठ्यपुस्तकों पर निर्भर होना
(d) Giving primacy to children’s experiences. बच्चों के अनुभवों को प्रमुखता देना
Ans. (d)
व्याख्या- छात्र केन्द्रित शिक्षाशास्त्र में बच्चों के अनुभवों को प्रमुखता दी जाती है। बाल केन्द्रित शिक्षा में बालकों की रुचियों, योग्यताओं, क्षमताओं, मनोवृत्तियों, पूर्व अनुभवों, विचारों आदि को महत्त्व दिया जाता है तथा इसी के अनुसार शिक्षण विधियों, पाठ्यक्रमों और अधिगम परिस्थितियों का निर्माण किया जाता है। जिसमें छात्र सक्रिय सहभागिता के द्वारा अधिगम अनुभव प्राप्त करते हैं।
Q.2 ‘Naive theories’ that children construct about various phenomenon. अनेक घटनाओं के बारे में बच्चों के द्वारा बनाए गए ‘सहजानुभूत सिद्धांतों’ के संदर्भ में एक शिक्षिका को क्या करना चाहिए?
(a) Should be ‘replaced’ by correct one through repetitive memorization / बार-बार याद करने के द्वारा एक सही सिद्धांत से ‘बदल’ देना चाहिए।
(b) Should be challenged by presenting counter evidence and examples./प्रतिकूल प्रमाण एवं उदाहरणों को प्रस्तुत करके बच्चों के इन सिद्धांतों को चुनौती देनी चाहिए।
(c) Should be ignored by the teacher. बच्चों के इन सिद्धांतों को अनदेखा करना चाहिए।
(d) Should be punished by the teacher. बच्चों को दंडित करना चाहिए।
Ans. (b)
व्याख्या- अनेक घटनाओं के बारे में बच्चों के द्वारा बनाये गये। ‘सहजानुभूत सिद्धांतों के संदर्भ में एक शिक्षिका को प्रतिकूल प्रमाण एवं उदाहरणों को प्रस्तुत करके बच्चों के इन सिद्धांतों को चुनौती देनी चाहिए ताकि उनके पूर्व निर्मित गलत धारणाओं में परिवर्तन व परिमार्जन किया जा सके।
Q.3 Which of the following statements about learning is correct from a constructivist perspective ? संरचनावादी सिद्धांतों के अनुसार अधिगम के बारे में निम्नलिखित कथनों में से कौन सा सही है?
(a) Learning is conditioning of behaviours by repetitive association. / अधिगम आवृत्तीय संबंध के द्वारा व्यवहारों का अनुबंधन है।
(b) Learning is the process of construction of knowledge by active engagements / अधिगम सक्रिय विनियोजन के द्वारा ज्ञान की संरचना की प्रक्रिया है।
(c) Learning is the process of reproduction and recall. /अधिगम पुनरुत्पादन एवं स्मरण की प्रक्रिया है।
(d) Leaning is the process of rote memorization अधिगम यंत्रवत् याद करने की प्रक्रिया है।
Ans. (b)
व्याख्या- संरचनावादी सिद्धांतों के अनुसार अधिगम सक्रिय विनियोजन के द्वारा ज्ञान की संरचना की प्रक्रिया है अर्थात् अधिगम किसी अनुबंधन द्वारा न होकर बल्कि एक सक्रिय ज्ञान के निर्माण की प्रक्रिया है। संरचनावादी सिद्धांतकारों में स्विस मनोवैज्ञानिक जीन पियाजे तथा रसियन मनोवैज्ञानिक लेव वाइगोत्सकी प्रमुख हैं। इन दोनों सिद्धान्तकारों का मानना है कि ज्ञान अधिगमकर्ता द्वारा सक्रिय रहकर सृजित किया जाता है न कि निष्क्रिय रहकर वातावरण द्वारा प्राप्त किया जाता है।
Q.4 Emotions and cognition are ………… each other. संवेग एवं संज्ञान एक दूसरे से…….. हैं।
(a) Inter-woven with/सन्निहित
(b) Not related to/संबंधित नहीं पूर्णतया अलग
(c) Completely separate from /
(d) Independent of / स्वतंत्र |
Ans. (a)
व्याख्या- संवेग एवं संज्ञान एक दूसरे से सन्निहित हैं। सांवेगिक | दशा में व्यक्ति की विचार प्रक्रिया या तो शिथिल हो जाती है अथवा लुप्तप्राय हो जाती है। बुद्धि तथा विवेक एवं चिंतन तथा तर्क प्रक्रिया का उसके व्यवहार पर पूर्ण नियंत्रण नहीं रहता है, वह उचित व | अनुचित का ठीक ढंग से विचार नहीं कर पाता है।
Q.5 In which of the following periods does physical growth and development occur at a rapid pace? निम्नलिखित अवधि में से किसमें शारीरिक वृद्धि एवं विकास तीव्र गति से घटित होता है?
(a) Middle childhood and adolescence मध्य बाल्यावस्था एवं किशोरावस्था
(b) Adolescence and adulthood किशोरावस्था एवं वयस्कता
(c) Infancy and early childhood शैशवावस्था एवं प्रारंभिक बाल्यावस्था
(d) Early childhood and middle childhood प्रारंभिक बाल्यावस्था एवं मध्य बाल्यावस्था
Ans. (c)
व्याख्या- शैशवावस्था एवं प्रारम्भिक बाल्यावस्था में शारीरिक वृद्धि एवं विकास तीव्र गति से घटित होता है। शैशवावस्था में विशेषकर जन्म से लेकर तीन वर्ष की आयु होने के दौरान शारीरिक विकास की गति अत्यन्त तीव्र रहती है। इसी प्रकार बाल्यवस्था के प्रथम तीन वर्षों के दौरान अर्थात् 6-9 वर्ष की आयु तक शारीरिक विकास अधिक तीव्र गति से होता है। बाद के तीन वर्षों में शारीरिक विकास की गति कुछ धीमी हो जाती है।
Q.6 Presenting students with clear examples and non-examples. विद्यार्थियों को स्पष्ट उदाहरण एवं गैर-उदाहरण देने के क्या परिणाम हैं?
(a) Causes gaps in their understanding concepts. यह अवधारणाओं की समझ में अभाव पैदा करता है।
(b) Focuses on procedural knowledge rather than conceptual understanding. / यह अवधारणात्मक समझ के बजाय कार्यविधिक/ प्रक्रियात्मक ज्ञान पर ध्यान केंद्रित करता है।
(c) Is an effective way to encourage conceptual change. / अवधारणात्मक परिवर्तनों को प्रोत्साहित करने के लिए यह एक प्रभावशाली तरीका है।
(d) Leads to confusion in the minds of students. यह विद्यार्थियों के दिमाग में भ्रांतियाँ उत्पन्न करता है।
Ans. (c)
व्याख्या- विद्यार्थियों के सामने स्पष्ट उदाहरणों एवं गैर उदाहरणों को | प्रस्तुत करने से उनके अवधारणाओं में परिवर्तन व परिमार्जन करने में महत्वपूर्ण सहायता मिलती है। प्रायः यह देखा जाता है कि विद्यार्थी सामाजिक अंतःक्रिया द्वारा कई गलत अवधारणाएं विकसित कर लेते हैं जिसमें सुधार के लिए शिक्षक उनके जीवन से संबन्धित उदाहरणों और गैर उदाहरणों या अनुभवों को प्रस्तुत करते हैं।
Q.7 How can teacher facilitate understanding of complex concepts in children? शिक्षक बच्चों की जटिल अवधारणाओं की समझ को किस प्रकार सहज कर सकते हैं?
(a) By repetitive mechanical drill बार-बार यांत्रिक अभ्यास के द्वारा
(b) By providing opportunities for exploration and discussion / अन्वेषण एवं परिचर्चा के लिए। अवसर उपलब्ध करके।
(c) By delivering a lecture/एक व्याख्यान देकर के।
(d) By organizing competitive events प्रतियोगितात्मक अवसरों की व्यवस्था करके।
Ans. (b)
व्याख्या- शिक्षक बच्चों की जटिल अवधारणाओं की समझ को | अन्वेषण एवं परिचर्चा के लिए अवसर उपलब्ध कराकर सहज कर सकते हैं। जब बच्चे किसी समस्या का समाधान स्वयं खोजते हैं। | और उस पर परिचर्चा करते हैं तो उस समस्या/विषय की जटिल | अवधारणाओं को स्वतः समझने लगते हैं।
Q.8 A primary school teacher can encourage children to become effective problem solvers by. एक प्राथमिक विद्यालय की अध्यापिका बच्चों को एक प्रभावशाली समस्या समाधानकर्ता बनने के लिए किस प्रकार से प्रोत्साहित कर सकती है?
(a) Dismissing and penalizing ‘incorrect answers’ ‘गलत उत्तरों’ को अस्वीकार करके एवं दंडित करके। (b) Encouraging children to make intuitive guesses and then brainstorming on the same./बच्चों को सहजानुभूत अनुमान लगाने के लिए प्रोत्साहित करके तथा उसी पर आधारित विचार मंथन करके।
(c) Offering materialistic rewards for every small tasks. /प्रत्येक छोटे कार्य के लिए भौतिक पुरस्कार देकर
(d) Emphasizing only on procedural knowledge केवल प्रक्रियात्मक ज्ञान पर बल/महत्त्व देकर।
Ans. (b)
व्याख्या- यदि एक प्राथमिक विद्यालय की अध्यापिका बच्चों को एक प्रभावशाली समस्या समाधानकर्ता बनने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती है तो उसे बच्चों को सहजानुभूत अनुमान लगाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए तथा उसी पर आधारित विचार मंथन के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए क्योंकि प्रगतिशील शिक्षा में बच्चों को सक्रिय समस्या समाधानकर्ता और वैज्ञानिक अन्वेषक माना जाता है जो अपने ज्ञान का निर्माण स्वयं करते हैं इसलिए बच्चों के सामने | ऐसी समस्यात्मक वातावरण का निर्माण करना चाहिए जिसमें उन्हें सक्रिय रूप से समाधान खोजने के अवसर प्राप्त हों।
Q.9 The primary cause of individual variations is वैयक्तिक विभिन्नताओं का प्राथमिक कारण क्या है?
(a) The environmental influences /पर्यावरणीय प्रभाव
(b) The complex interplay between the heredity and the environment. / आनुवंशिकता एवं पर्यावरण के बीच जटिल पारस्परिक क्रिया।
(c) The genetic code received by the individuals from birth parents. / लोगों के द्वारा माता-पिता से प्राप्त आनुवंशिक संकेत पद्धति (कोड)
(d) The inborn characteristics. / जन्मजात विशेषताएँ
Ans. (b)
व्याख्या- वैयक्तिक भिन्नताओं का प्राथमिक कारण आनुवंशिकता एवं पर्यावरण के बीच जटिल पारस्परिक क्रिया है। अनेक मनोवैज्ञानिक शोधों ने यह सिद्ध कर दिया है कि अनेक शारीरिक, मानसिक तथा व्यक्तित्व संबंधी विभिन्नताओं के लिए वंशानुक्रम काफी सीमा तक उत्तरदायी होता है। इसी तरह जिस प्रकार के वातावरण में बालक रहता है उसी के अनुरूप उसका शारीरिक, मानसिक, संवेगात्मक तथा चारित्रिक विकास होता है। इन दोनों के पारस्परिक अंतर्क्रिया के कारण ही वैयक्तिक भिन्नता उत्पन्न होती है।
Q.10 Which of the following are examples of secondary socializing agency? निम्नलिखित में से कौन सा द्वितीयक समाजीकरण एजेन्सी का उदाहरण है?
(a) School and media/विद्यालय एवं मीडिया
(b) Media and neighbourhood मीडिया एवं पास-पड़ोस
(c) Family and neighbourhood परिवार एवं पास-पड़ोस
(d) Family and media/परिवार एवं मीडिया
Ans. (a)
व्याख्या- विद्यालय एवं मीडिया समाजीकरण की द्वितीयक एजेन्सी के उदाहरण हैं, जबकि परिवार, परिवार के निकटतम सदस्य, पास पड़ोस, सहचर-समूह आदि समाजीकरण की प्राथमिक एजेन्सियां हैं। | ये सभी मिलकर बालक के सामाजिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इस आर्टिकल में हमने CTET July 2022 CDP Model Questions का अध्ययन किया है, जो कि आगामी सीटेट परीक्षा में पूछे जा सकते हैं सीटेट सहित सभी TET परीक्षाओं की नवीनतम अपडेट प्राप्त करने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल के सदस्य बन सकते हैं जॉइन लिंक नीचे दी गई है।
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CTET Result 2023: सीटेट Answer Key तथा Result जारी होने की डेट निश्चित, नॉर्मलाइजेशन को लेकर बड़ा अपडेट

CBSE द्वारा केंद्र सरकार के माध्यम से संचालित स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए आयोजित की जाने वाली केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा 7 फरवरी को समाप्त हो चुकी है. अब इस परीक्षा में शामिल हुए परीक्षार्थी अपनी Answer Key तथा Result जारी होने का इंतजार कर रहे हैं.
ज़ी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सीटेट परीक्षा की प्रोविजनल Answer Key तथा CTET Result 2023 जारी होने की तिथि निश्चित की जा चुकी है तथा जल्द ही अभ्यर्थियों का इंतजार खत्म होने वाला है.
पहले जारी होगी प्रोविजनल Answer Key
सीबीएसई द्वारा पहले प्रोविजनल Answer Key जारी की जाएगी, जिस पर परीक्षार्थियों को ऑब्जेक्शन दर्ज करने का मौका दिया जाएगा, हालांकि अभ्यर्थियों को आपत्ति दर्ज करने के लिए प्रति प्रश्न ₹1000 शुल्क देना होगा. यदि अभ्यर्थी की आपत्ति सही पाई जाती है तो ऑब्जेक्शन शुल्क अभ्यर्थी को लौटा दिया जाएगा. प्रोविजनल Answer Key पर प्राप्त हुई सभी आपत्तियों का निराकरण सीबीएसई द्वारा गठित एक्सपर्ट टीम द्वारा किया जाएगा, जिसके पश्चात Final Answer Key तथा Result जारी होगा.
6 सप्ताह में आएगा रिजल्ट
केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा का परीक्षा परिणाम जारी होने में अमूमन 6 सप्ताह का समय लगता है, सीबीएसई की इस बार कोशिश है कि वे तय समय के भीतर परीक्षा परिणाम जारी कर दें. सूत्रों के मुताबिक सीटेट प्रोविजनल Answer Key अगले सप्ताह तक जारी हो जाएगी तो वही सीटेट परीक्षा का Result 21 मार्च 2023 तक अधिकारी वेबसाइट ctet.nic.in पर जारी कर दिया जाएगा.
नॉर्मलाइजेशन को लेकर असमंजस में अभ्यर्थी
केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) में शामिल हुए अभ्यर्थी नॉर्मलाइजेशन को लेकर असमंजस में है. आपको बता दें कि सीबीएसई द्वारा साल 2021 में पहली बार सीटेट परीक्षा ऑनलाइन सीबीटी मोड में आयोजित की थी. चूकी परीक्षा अलग-अलग दिन शिफ्ट में आयोजित की गई थी लिहाजा परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया अपनाई गई थी इस बार भी परीक्षा ऑनलाइन ही आयोजित हुई है ऐसे में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया इस बार भी लागू होगी.
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CTET परीक्षा क्वालीफाई होने के बाद इन स्कूलों में बन सकते हैं सरकारी शिक्षक!

After Qualifying CTET Exam Career Options: CTET शिक्षण क्षेत्र में करियर बनाने के लिए भारत में एक प्रतिष्ठित परीक्षा है। यह उन उम्मीदवारों के बीच सबसे लोकप्रिय परीक्षा है, जो शिक्षण क्षेत्रों में अपना करियर विकसित करना चाहते हैं। तो उनके लिए यहां पर हम सीटेट परीक्षा में उत्तीर्ण होने के पश्चात अगले चरण की रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं।
केंद्रीय शिक्षक पात्रता (CTET) सरकारी स्कूलों या सरकारी निकायों / संस्थानों द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों में शिक्षक भर्ती के लिए पात्रता परीक्षाओं में से एक है। इस परीक्षा का आयोजन साल में दो बार सीबीएसई बोर्ड के द्वारा किया जाता है । इस वर्ष यह परीक्षा 28 दिसंबर 2022 से 7 फरवरी 2023 तक आयोजित की गई थी। जिसमें देशभर से लाखों की संख्या में अभ्यर्थी शामिल हुए।
एक बार जब आप CTET परीक्षा उत्तीर्ण कर लेते हैं, तो आप केंद्र सरकार के स्कूलों जैसे केंद्रीय विद्यालय, DSSSB और नवोदय समिति स्कूलों में प्राथमिक शिक्षकों, TGT और PGT पदों के लिए आवेदन करने के पात्र हो जाते हैं।
केंद्रीय विद्यालय (KVS School Teacher)
केंद्रीय विद्यालय में सरकारी शिक्षक बनने का सपना हर किसी का होता है। वर्तमान समय में केंद्र सरकार के द्वारा 1248 केंद्रीय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। जिसमें शिक्षकों की भर्ती के लिए सीटेट परीक्षा क्वालीफाई होना अनिवार्य होता है।
जवाहर नवोदय विद्यालय (NVS School Teacher)
मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा संचालित जवाहर नवोदय विद्यालय जो कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के तहत शुरू किए गए थे। इन स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती हेतु लगभग हर वर्ष टीचिंग एवं नॉन टीचिंग भर्तियां निकाली जाती है। जिसमें टीजीटी पदों पर होने वाली भर्ती के लिए सीटेट परीक्षा क्वालिफाई होना अनिवार्य होता है। हालांकि पीजीटी तथा अन्य पदों के लिए नॉन सीटेट उम्मीदवार भी आवेदन कर सकते हैं।
यूपी सुपर टेट (Super TET Vacancy)
उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती हेतु सुपर टेट परीक्षा आयोजित की जाती है जिसमें सी टेट सर्टिफिकेट प्राप्त उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाती है।
आर्मी पब्लिक स्कूल (Army Public School Teacher)
देश में 137 आर्मी पब्लिक स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। जोकि आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसाइटी के द्वारा संचालित किए जा रहे हैं जिसमें लगभग हर वर्ष बड़ी संख्या में पीजीटी तथा टीजीटी एवं पीआरटी शिक्षकों की भर्ती की जाती है। जिसमें सीटेट परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को आवेदन करने का मौका मिलता है ।
DSSSB vacancy
दिल्ली के शासकीय विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती हेतु दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड द्वारा शिक्षकों की भर्ती की जाती है। जिसमें टीजीटी तथा पीआरटी पदों पर भर्ती के लिए सीटेट परीक्षा पास अभ्यर्थियों को आवेदन करने का मौका प्राप्त होता है।
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UP Teacher Vacancy 2023: योगी सरकार का तोहफा, 51 हजार शिक्षक भर्ती जल्द, CTET-UPTET क्वालीफाई को मिलेगी एंट्री

UP Shikshak Bharti 2023 (UPDATED): उत्तर प्रदेश में लंबे समय से शिक्षक भर्ती परीक्षा का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों के लिए अच्छी खबर है. उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद (UPBEB) जल्द ही शिक्षक के 51 हजार से अधिक रिक्त पदों पर बंपर भर्ती निकालने वाला है. नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा चुनाव से पहले योगी सरकार प्रदेश में माध्यमिक व राजकीय विद्यालयों में रिक्त शिक्षकों के पदों पर भर्ती करने जा रही है.
इतने पदों पर होगी भर्ती
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बेसिक शिक्षा विभाग में टीजीटी/ पीजीटी शिक्षकों के लगभग 51 हजार से अधिक पद रिक्त हैं, इसके अलावा राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों के 7 हजार 471 पद रिक्त हैं. तो वही बात करें प्रवक्ता तथा सहायक अध्यापकों के पदों कि तो बताया जा रहा है प्रवक्ता के 2115 जबकि सहायक अध्यापक के 5256 पद खाली हैं जिनपर भर्ती की जानी है.
CTET-UPTET पास कर सकेंगें आवेदन
उत्तर प्रदेश के प्राइमरी तथा अपर प्राइमरी सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती सुपर टेट परीक्षा (SUPER TET) के माध्यम से की जाती है, जिसका आयोजन उत्तर प्रदेश बेसिक एजुकेशन बोर्ड द्वारा किया जाता है. सुपर टेट परीक्षा में केवल वे अभ्यर्थी ही शामिल हो सकते हैं जिन्होंने यूपी टेट परीक्षा (Uttar Pradesh Teacher Eligibility Test– UPTET) पास की हो. बहुत से अभ्यर्थियों के मन में यह सवाल भी रहता है कि क्या सीटेट परीक्षा क्वालीफाई अभ्यर्थी यूपी शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल हो सकते हैं?
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती परीक्षा यानी सुपर टेट में शामिल होने के लिए उम्मीदवार को किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री तथा टीचिंग ट्रेनिंग कोर्स (D.El.Ed, BTC, B.Ed. आदि) पास किया होना चाहिए साथ ही UPBEB द्वारा आयोजित यूपी टेट परीक्षा पास होना जरूरी है. इसके अलावा पेपर -1 के लिए सीटेट पास अभ्यर्थी भी सुपर टेट परीक्षा देने के पात्र होते हैं.
यदि बात करें आयु सीमा की तो न्यूनतम 21 वर्ष से लेकर अधिकतम 40 वर्ष की आयु वाले अभ्यर्थी सुपर टेट परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं हालांकि उत्तर प्रदेश के मूल निवासी अभ्यर्थियों को कैटेगरी वाइज अधिकतम आयु में छूट का प्रावधान है अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक नोटिफिकेशन पढ़ें.
इच्छुक उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट ctet.nic.in पर जाकर अपना आवेदन सबमिट कर सकते हैं. सीटेट परीक्षा पास करने पर उम्मीदवार सुपर टेट के साथ ही केंद्र सरकार द्वारा संचालित केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय तथा आर्मी पब्लिक स्कूल आदि में निकलने वाली शिक्षकों की भर्ती में भी शामिल हो सकते हैं.
कब आएगा यूपीटीईटी नोटिफ़िकेशन? (UPTET 2023 Notification Update)
उत्तर प्रदेश में शिक्षक बनने की चाह रखने वाले लाखों अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी यूपीटीईटी के नोटिफिकेशन का इंतजार कर रहे हैं नवीनतम मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपीटीईटी परीक्षा का नोटिफिकेशन फ़रवरी 2023 के अंतिम सप्ताह या मार्च के पहले सप्ताह तक जारी किया जा सकता है। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अभ्यर्थी आधिकारिक वेबसाइट updeled.gov.in पर जाकर आवेदन कर पाएंगे. जिसके बाद अप्रैल महीने में ऑनलाइन मोड में UPTET परीक्षा आयोजित की जाएगी.
अधिक जानकारी के लिए अभ्यर्थी लगातार शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर विजिट करते रहें बता दें कि यूपीटीईटी परीक्षा में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी की उम्र 18 साल या उससे अधिक होनी चाहिए इसके साथ ही बैचलर डिग्री या समकक्ष डिप्लोमा होना जरूरी है।
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