CBSE 10th, 12th Sample Paper: जल्द जारी होंगें कक्षा 10वीं व 12वीं के सेम्पल पेपर, प्रश्नों का लेवल हो सकता है कठिन
CBSE 10th, 12th Sample Paper: सीबीएसई द्वारा बोर्ड परीक्षा के पैटर्न में कुछ बदलाव किए गए हैं। बोर्ड अधिकारियों की मानें, तो बोर्ड द्वारा सत्र 2022-23 के लिए जल्द ही कक्षा 10वीं व 12वीं का नया ब्लूप्रिंट तथा सेम्पल पेपर आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किए जा सकते हैं, जिससे छात्रों तथा शिक्षकों को परीक्षा का पैटर्न जानने एवं परीक्षा के लिए तैयारी में सहायता मिले। संभावनाएं हैं, कि सीबीएसई द्वारा ये पेपर सितंबर माह के पहले सप्ताह में जारी किए जाएंगे।
गत वर्ष आयोजित हुई टर्म 2 परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों के स्तर से ये साफ जाहिर होता है, कि परीक्षा पैटर्न में हुए बदलाव के कारण छात्रों की सहायता के लिए प्रश्नों के स्तर को कम किया गया था। किन्तु अब संभावनाएं हैं, कि इस नए परीक्षा पैटर्न में प्रश्नों के कठिनाई स्तर को बढ़ाया जाएगा।
जानें क्या हो सकता है परीक्षा का अनुमानित पैटर्न
बोर्ड द्वारा इस वर्ष परीक्षा में वैकल्पिक एवं व्यक्तिपरक प्रश्न दोनों पूछे जाएंगे। प्रत्येक विषय में कम से कम 4 प्रश्न स्थिति-आधारित होंगे, जिनमें वैकल्पिक एवं व्यक्तिपरक दोनों प्रकार के प्रश्न शामिल हैं। संभावनाएं हैं, कि प्रत्येक स्थिति-आधारित प्रश्न के उपभाग में वस्तुनिष्ठ प्रश्न, अति लघु उत्तरीय प्रश्न तथा लघु उत्तरीय प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
बता दें, परीक्षा में वास्तविक परिस्थिति आधारित प्रश्न भी पूछे जाएंगे, जिनमें स्थिति-आधारित की ही भाँति वैकल्पिक एवं व्यक्तिपरक दोनों प्रकार के प्रश्न सम्मिलित होंगे। इन प्रश्नों को योग्यता आधारित प्रश्न भी कहा जाता है।
अभ्यास के लिए प्रकाशित की जाएगी एक रिसोर्स बुक
आपको बता दें, जारी किए गए इस नए पैटर्न के अनुसार अभ्यास के लिए बोर्ड द्वारा एडुकार्ट के सहयोग से एक पुस्तक जारी की जाएगी। यह पुस्तक अभ्यर्थियों को प्रश्नों के अध्याय-दर-अध्याय अभ्यास करने में सहायता करेगी, जिसमें सभी (स्थिति-आधारित, वास्तविक परिस्थिति आधारित एवं योग्यता आधारित) प्रश्न शामिल होंगे। सेम्पल पेपर में सभी विषयों के वैकल्पिक एवं व्यक्तिपरक दोनों प्रकार के लगभग 35 से 38 प्रश्न होने की संभावनाएं हैं।
बढ़ सकता है प्रश्नों का कठिनाई स्तर
विगत वर्ष में कोरोना महामारी के चलते बोर्ड नें परीक्षा पैटर्न में कुछ बदलाव किए थे, जिससे प्रश्नों के कठिनाई स्तर में कमी देखने को मिली। अब परिस्थितियाँ पूर्वानुरूप होने के कारण बोर्ड द्वारा परीक्षा पैटर्न को भी पूर्व-रुपेण (कोरोना महामारी से पहले) कर दिया गया है। इस सत्र के लिए पाठ्यक्रम को संघनित किया जाएगा, लेकिन विचार एवं अनुमान आधारित प्रश्नों पर अधिक ज़ोर दिया गया है। जिससे प्रश्नों के कठिनाई स्तर में वृद्धि की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं।
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