Success Story
Meet Khan Sir: संदीप महेश्वरी के मीट एपिसोड मे आए खान सर से ऑडियंस ने ये सवाल पूछे और उन्होंने दिए अनोखे जबाब, जाने यहा

Sandeep Maheswari Meet Khan Sir: सोशल मीडिया पर अपनी अलग ही पहचान बनाने वाले खान सर संदीप महेश्वरी युटुब चैनल पर मीटअप शो मैं उपस्थित हुए और एपिसोड में शामिल हुई जनता और संदीप महेश्वरी ने उनसे कई सवाल पूछे जिसका जवाब उन्होंने बड़ी ही सहजता से दिया। खान सर की बात करें तो उनके यूट्यूब पर 17 मिलियन सब्सक्राइब है उनका देश भर में सबसे बड़ा एजुकेशन चैनल है।
संदीप महेश्वरी और खान सर में इस एपिसोड में बहुत बातचीत की है यह एपिसोड संदीप महेश्वरी यूट्यूब चैनल में 5 सितंबर को अपलोड किया गया। आपको बता दें कि संदीप महेश्वरी यूट्यूब चैनल भारत का सबसे बड़ा मोटिवेशनल चैनल है जिसमें 24.6 मिलयन सब्सक्राइबर्स है। और उनका देश मे मात्र ऐसा चैनल है जिसमे उन्होंने मोनेटाईजेसन को इनेबल नहीं किया है।
संदीप महेश्वरी की बात करें तो यह हर स्टूडेंट्स के लिए एक प्रेरणा है और इनकी वीडियो सभी स्टूडेंट्स को पसंद आती है। आज इस आर्टिकल में हम आपको संदीप महेश्वरी और खान सर के बीच हुई बातचीत के दौरान वहां उपस्थित जनता तथा संदीप महेश्वरी के द्वारा पूछे गए सवालों के खान सर ने क्या जवाब दिए। सभी सवाल और जवाब को जानने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़े।
खान सर ने अपने स्टूडेंट को लेकर कही ये बाते
देश के सबसे बड़े मोटिवेशनल संदीप महेश्वरी नामक चैनल मे खान सर ने शुरुआत में अपने स्टूडेंट को लेकर कहां कि हम लोगों को अपने स्टूडेंट को लेकर यह मकसद रहता है कि उनके बीच में कोई भी डाउट ना हो। उन्होंने कहा कि मैं अपने स्टूडेंट को पढ़ाते वक्त यह कहता हु कि मे जो तुमको पढ़ा रहा हु अगर दम हो तो इसे भूलकर कर बताओ। मतलब वे अपने छात्रों को इस तरह से पढ़ाते हैं कि वह उनका पढ़ाया हुआ भूल ही नहीं सकता।
बहुत ही कम प्राइस मे पढ़ाते है
संदीप महेश्वरी ने खान सर से कहा कि आप जिस प्राइस में अपने स्टूडेंट्स को पढ़ा रहे हैं, वह बहुत ही कम है, खान सर ने जवाब देते हुए कहा कि फीस का कल्चर हमारे भारत का नहीं है, हमारा इंडियन कल्चर तो ‘गुरु दक्षणा’ है। उस हिसाब से वह बहुत ही कम फीस चार्ज करते हैं वे कहते हैं कि जिस तरह लाइफ में ऑक्सीजन की जरूरत रहती है ठीक वैसी ही हमारी लाइफ में एजुकेशन की जरूरत पड़ती है।
तीन सालों मे ही 17 मिलियन सब्स्क्राइबर हो गए
खान सर ने अपने पढ़ाने के अलग अंदाज से स्टूडेंट के दिल में अलग ही जगह बनाते हुए मात्र 3 साल में ही अपने यूट्यूब चैनल पर 17 मिलियन सब्सक्राइब हासिल कर लिए। इस कामयाबी पर उन्होंने कहा कि उनको यूट्यूब चैनल के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है हमको अभी भी यूट्यूब के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। जब उन्होंने अपना यूट्यूब चैनल स्टार्ट किया था तो वह 1 दिन में चार से पांच वीडियो बनाते थे वे वीडियो बनाने के लिए भी कैमरे किराए से लेते थे क्योंकि उनके पास कैमरे के लिए इतने पैसे नहीं थे।
उन्होंने कैमरे को किराए पर लेकर 6 महीने तक वीडियो बनाई उसके बाद उन्होंने वीडियो बनाना छोड़ दिया। जब कोरोनावायरस महामारी के वक्त लोकडाउन लगा हुआ था तो बे अपने स्टूडेंट को नहीं पढ़ा पा रहे थे तभी उनको याद आया कि उनका यूट्यूब चैनल भी है उस समय उनके यूट्यूब चैनल पर 30,000 सब्सक्राइबर थे। तब से उन्होंने ऑनलाइन पढ़ाना चालू किया उन लोगों को उनके पढ़ाने का अंदाज पसंद आने लगा और देखते-देखते 3 सालों में 17 मिलीयन सब्सक्राइबर्स पार हो गए।
अपने छात्रों को पीटते है खान सिर
शो में उपस्थित एक शख्स ने खान सर से पूछा कि वे अपने स्टूडेंट्स को लाठी से पिटाई करते हैं फिर भी उनके छात्र उनसे इतने ज्यादा कनेक्टेड क्यों है।
उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि देखिए लड़कों को पढ़ाने की बात आती है तो हम उसे बेहतरीन ढंग से पढ़ाएंगे, लेकिन जब सजा देने की बारी आती है तो सजा भी शानदार तरीके से दी जाएगी। ऐसे थोड़ी नहीं होगा कि सिर्फ एक ही चीज बेहतरीन होगा, डर का होना बहुत जरूरी है, डर भी अपने आप में एक मोटिवेशन होता है क्योंकि अगर आपको डर लगता है तो आप उधर से भागों मत। आप उस डर को दूर करने के लिए थोड़ी और ज्यादा कोशिश करे।
केसे अपने डीसीजन पर स्ट्रिक्ट रहे
खान सर ने इस सवाल का जबाव देते हुए कहा कि अगर आप इस चीज को करने के लिए डिसीजन लेते हैं तो उसके बारे में दूसरों से सलाह लेने से पहले उस चीज के बारे में अच्छे से रिसर्च कर लेना चाहिए। ताकि सामने वाला क्या सलाह दे रहा है वह समझ में आ सके।
आलस से छुटकारा केसे पाए
एपिसोड में उपस्थित एक लड़के द्वारा पूछा गया सवाल आलस से छुटकारा कैसे पाएं, इस पर खान सर ने बेहतरीन तरीके से जवाब देते हुए आंसर ने कहा कि, हमारा ब्रेन बहुत ही आलसी टाइप का है इसको आराम पसंद है थोड़ा सा भी आप इसको आराम की तरफ ले जाएंगे तो वो वही पर ही रहेगा। आप अपने दिमाग को आराम की तरफ ज्यादा हावी ना होने दें उसको आराम की जरूरत है तो कहो कि आराम मिलेगा लेकिन पहले काम करना पड़ेगा।
इस सवाल पर संदीप महेश्वरी ने कहा कि अगर आपका गोल बहुत बड़ा है तो उसे सबसे छोटी मतलब पहले लेवल पर जाकर उसे तोड़ दो, यह फोकस ज्यादा करो कि अपने गोल को अचिव करने का सबसे पहला स्टेप क्या है। जैसे कि अगर आप गाड़ी सीखना चाहते हैं और आपको गाड़ी को चलाने के लिए सीखने वाला नहीं है तो अपने आसपास के ड्राइविंग स्कूल को कोचिंग के लिए पैसे दे दो, अब आप फस गए न मतलब किसी काम को सीखने के लिए अपने आप को फसा दो। दिमाग लगाओ कि अपने आप को कैसे फसाए जाए, जब हम पर जाते हैं तो हमें उस काम को करना ही पड़ता है।
पढाई के वक्त इरिटेसन को कम केसे करे
एक स्टूडेंट के द्वारा खान से पुछा गया कि अगर हम अपनी पढाई के वक्त अपने डीसाइड किये हुए टारगेट को पूरा कर नहीं पाते है या फिर करते भी लेते है तो हमे काफी ज्यादा इरिटेसन, चिंता होती है तो अपनी पढ़ाई को लेकर चिंता को कम कैसे किया जाए।
खान सर बोलते हैं कि देखिए टारगेट को अपने हिसाब से तय करना चाहिए ऐसा नहीं कि हम किसी दूसरे इंसान को देखकर अपने टारगेट को तय कर ले, कोई लड़का 8 घंटे पढ़ता है तो उसको देखकर दूसरा लड़का, जिसने कोई पढ़ाई नहीं की तो अगर वह भी 8 घंटे पढ़ने की कोशिश करता है तो वह अपनी पढ़ाई को छोड़ देगा। आप अपनी क्षमता के हिसाब से अपने टारगेट को रखें कि आप कितना पढ़ सकते हो। धीरे-धीरे अपनी क्षमता के हिसाब से अपने टारगेट तय करे।
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Success Story: मिस इंडिया ऐश्वर्या श्योराण का आईएएस बनने तक का सफर यहा जाने

Aishwarya Sheoran IAS Success Story: संघ लोक सेवा आयोग कया भर्तियों का तो यूपीएससी एग्जाम इसके लिए कई अभ्यर्थी इसके लिए इसके लिए कई अभ्यर्थीयानी यूपीएससी द्वारा प्रतिवर्ष अपनी UPSC परीक्षा आयोजित करता है। इस परीक्षा अच्छे नंबरों से सफलता प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को IAS, IFS, IPS जैसे बड़े सिविल सर्विस पद दिए जाते हैं, जिसको पाने के लिए लाखों अभ्यर्थी कठोर संघर्ष करते रहते हैं। इसके लिए कई अभ्यर्थियों का सपना रहता है कि वे यूपीएससी परीक्षा को क्लियर कर सिविल सर्विस में जाकर देश की सेवा करें.
जिसमें वे अपने सपने के लिए बड़ी बड़ी लाखों पैकेज वाली जॉब को भी छोड़कर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में लग जाते हैं ऐश्वर्या शेरोन की कहानी भी बिल्कुल ऐसी ही है, बता दें इस वजह से रूम 2014 में मेडलिस्ट मिस इंडिया मॉडेस्ट चुकी है और उन्होंने अपने मॉडलिंग को छोड़कर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए लग गई थी और एक सफल IAS अधिकारी के रूप में खरी उतरी। आइए जानते हैं मिस इंडिया ऐश्वर्या का मॉडलिंग से तक का सफर।
रह चुकी है स्कूल टॉपर
ऐश्वर्या का बचपन से ही पढ़ाई में शौक था उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा चाणक्यपुरी की संस्कृति स्कूल में की थी। वे 12वीं में टॉपर रह चुकी है उन्होंने 12वीं में 97.5% अंक हासिल किए थे। जिसके बाद उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से पूरी की।
मॉडल से UPSC क्लियर करने तक का सफर
रिपोर्ट के मुताबिक ऐश्वर्या यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रही थी तो वह एक मॉडल थी उन्होंने 2015 में मिस दिल्ली का ताज, 2014 में ऐश्वर्या श्योरान को क्लीन एंड क्लियर फ्रेश फेस के रूप में चुना गया था। इसके अलावा 2016 में ऐश्वर्या श्योराण मिस इंडिया का फाइनलिस्ट खिताब भी जीत चुकी है। लेकिन उनका सपना सिविल सर्विस में जाकर देश की सेवा करने का था।
इसलिए उन्होंने 2018 में यूपीएससी परीक्षा के लिए तैयारी करने का फैसला लिया जब ऐश्वर्या यूपीएससी की तैयारी कर रही थी तो वह एक मॉडल थी। ऐश्वर्या ने अपनी यूपीएससी परीक्षा के लिए कोई कोचिंग संस्थान की मदद नहीं ली और उन्होंने सेल्फ स्टडी का ही विकल्प चुना। ऐश्वर्या ने अपने घर से ही UPSC परीक्षा के लिए 10 IFS आईएस का पद प्राप्त किया।
Success Story
UPSC Success Story: आईएएस बनने के लिए छोड़ी थी इन्होंने अपनी 1 करोड़ की नौकरी, जाने कनिष्क कटारिया की कहानी

UPSC Topper 2018 Kanishk Katariya: यूपीएससी की परीक्षा सफलता हासिल कर सिविल सर्विस मे जाने का सपना सँजोये हुए लाखों अभ्यर्थी तैयारी करते हैं, और जो परीक्षा में सक्सेस हासिल कर लेते हैं वह तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए प्रेरणा के स्रोत बन जाते हैं। और कुछ उम्मीदवार तो सिविल सर्विस मे जाने के सपने के लिए अपनी हाई पेइंग जॉब तक छोड़ देते है कुछ ऐसी ही कहानी हम आपको इस लेख मे 2018 में फर्स्ट रैंक हासिल करने वाले कनिष्क कटारिया के बारे मे बताने जा रहे है।

जिन्होंने विदेश में अपनी हाईपैड एक करोड़ के पैकेज वाली नौकरी को छोड़ अपने सिविल सर्विस में जाने के सपने को सच कर दिखाया।आपके लिए जानना भी काफी प्रेरणादायक रहेगा कि कैसे उन्होंने देश के लिए अपनी सेवा प्रदान करने के लिए एक करोड़ के वेतन वाली नौकरी छोड़ी। इनकी पूरी कहानी जानने के लिए लेख को अंत तक पढ़े।
शुरुआती जीवन
कनिष्क कटारिया का जन्म 26 सितंबर 1982 में राजस्थान के जयपुर जिले में हुआ था वे जयपुर जिले के रहने वाले हैं। उनके पिता एक आईएएस ऑफिसर हैं जिनका नाम सांवरमल है तथा उनके चाचा भी जयपुर में कलेक्टर के रूप में कार्यरत है। कनिष्क कटारिया को आईएएस ऑफिसर बनने की प्रेरणा अपने परिवार से ही मिली थी। उनकी माता एक ग्रहणी है।
शिक्षा
कनिष्क कटारिया ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट पॉल सीनियर सेकेंडरी स्कूल कोटा राजस्थान से 2010 में पूरी करनी थी। कनिष्क कटारिया 12वीं में 95% अंक प्राप्त करने वाले टोपर भी रहे थे। जिसके बाद उन्होंने देश की कठिन परीक्षा मे से एक IIT-JEE परीक्षा भी थी जिसमे उन्होंने पूरे भारत में 44 वी रैंक हासिल की, 2010 में वे इस परीक्षा में उपस्थित हुए थे। सन 2014 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद उनके पिता ने उनसे यूपीएससी परीक्षा देने के लिए कहा था लेकिन उन्होंने इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया।
छोड़ी 1 करोड़ की नौकरी
कनिष्क कटारिया की 2014 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई कंप्लीट हो गई थी, जिसके बाद उनको कई जॉब ऑफर भी आए तथा उन्होने दक्षिण कोरिया में सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी में जॉब प्रस्ताव को हासिल कर लिया था, इस जॉब में उनको सालाना पैकेज के रूप में एक करोड़ रुपए मिल रहे थे। लेकिन इस जॉब में वह खुश नहीं थे, इसलिए कनिष्क 2016 में अपनी हाई पैकेज नौकरी छोड़ भारत वापस आ गए।

फिर वे बेंगलुरु में एक निजी फर्म में काम करना शुरू किया लेकिन वहां उनको भारत की विभिन्न असुविधा के चलते उनके मन मे अपने देश के लिए कुछ करने का ख्याल आया। इसलिए उन्होंने यूपीएससी परीक्षा देने के लिए अपना मन बना लिया क्योंकि यूपीएससी परीक्षा ही एक ऐसा विकल्प है जिससे उनको वह औदा मिल सकेगा जिससे वे देश के सिस्टम मे सुधार ला सके।
पहले ही प्रयास मे पहली रैंक से सफलता हासिल कर ली
कनिष्क कटारिया 2017 में यूपीएससी परीक्षा के लिए तैयारी करने लगे। उन्होंने अपनी बेंगलुरु वाली नौकरी भी छोड़ दी तथा वापस अपने घर जयपुर चले गए थे। शुरुआत में तो उन्होंने आराम से घर से ही परीक्षा के लिए तैयारी करने का निर्णय बना लिया था लेकिन उनको पता चला कि परीक्षा में गणित का सिलेबस बहुत बड़ा है और वह गणित में काफी कमजोर थे इसीलिए वे दिल्ली चले गए थे ताकि वह अपनी पढ़ाई को सुव्यवस्थित कर सके।
उन्होंने यह तय कर लिया था कि वह यूपीएससी परीक्षा के लिए मात्र 2 दो बार ही कोशिश करेंगे इसके बाद वह आगे और कुछ करने की सोचेंगे। लेकिन उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में काफी लगन के साथ अपनी मेहनत जारी राखी और 2018 में यूपीएससी की परीक्षा दी। 5 अप्रैल 2019 को जब परीक्षा का अंतिम रिजल्ट सामने आया तो वह हैरान रह गए थे क्योंकि वे परीक्षा में फर्स्ट रैंक के साथ उत्तीर्ण हुए थे।
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UPSC Success Story: यूपीएससी परीक्षा मे 2 बार असफल होकर अपाला मिश्रा बनी रिकॉर्डतोड़ टॉपर, जाने इनकी दिलचस्प कहानी

IAS Apala Mishra Success Story: यूपीएससी परीक्षा का सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहता है। इस परीक्षा में उम्मीदवारों को कई बार असफलता का सामना भी करना पड़ता है, लेकिन इस दौरान हार ना मानते हुए अपने तैयारी में लगे रहते हैं तो खुद को मेंटली मजबूत रखकर आगे बढ़ने की उस करता है तो उनका सिविल सेवा में जाने का सपना पूरा हो सकता है।
ऐसा ही सफर डॉक्टर अपाला मिश्रा का रहा जिन्हें कड़ी मेहनत के बाद भी दो बार सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और खुद को मेंटली स्ट्रांग रखकर कठिन परिश्रम के साथ यूपीएससी परीक्षा के लिए तैयारी करती रही। और इसका फायदा उन्हें प्राप्त हुआ तथा अपने तीसरे प्रयास में अपाला मिश्रा यूपीएससी परीक्षा में सफल रही। इस लेख में हम अपाला मिश्रा की सफलता की पूरी कहानी प्रस्तुत कर रहे हैं। अतः लेख को अंत तक पढ़े।
अपाला मिश्रा ने यह से की अपनी ग्रैजुएशन की पढ़ाई
अपाला मिश्रा उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के रहने वाली है उनके पिता आर्मी ऑफिसर है और उनकी मां एक प्रोफ़ेसर है। अपाला बचपन से ही पढ़ाई में काफी होशियार थी। उन्होंने अपने शुरुआती पढ़ाई दो देहरादून से की। दसवीं के बाद अपाला मिश्रा पढ़ाई के लिए दिल्ली आ गई थी। 12वीं के बाद पालन हैदराबाद के आर्मी कॉलेज ऑफ़ डेंटल साइंस से डेंटल सर्जरी से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।

अपनी पढ़ाई के बाद अपाला मिश्रा एक प्रोफेशनल डेंटिस्ट भी बन गई थी। साल 2018 में पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने सिविल सेवा में जाने का मन बना लिया था। यह फैसला अपाला के लिए काफी मुश्किल था लेकिन उन्होंने इसके लिए खुद को तैयार कर लिया था। यह कारण ना कि वह सकारात्मक रहकर यूपीएससी परीक्षा के लिए तैयारी करती रही।
डेन्टिस्ट बनने के बाद अपाला ने यूपीएससी की परीक्षा देने का मन बना लिया था
डेंटिस्ट बनने के बाद अपाला ने यूपीएससी परीक्षा देने का अपना मन बना लिया था। साल 2018 में अपाला मिश्रा ने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी थी, अपनी तैयारी को लेकर अपाला बताती है कि मैंने सन 2018 में यूपी परीक्षा के बारे में पढ़ने और पोस्ट के समझने की कोशिश की इसके अलावा अपनी ताकत और कमजोरियों पर ध्यान दिया क्योंकि यूपीएससी का सिलेबस मेरे लिए काफी अलग था।

परीक्षा के पैटर्न को समझने के लिए अपाला मिश्रा को काफी समय लगा था। अपाला मिश्रा ने बताया कि यूपीएससी परीक्षा के लिए रोजाना 7 से 8 घंटे पढ़ाई किया करती थी। शुरुआत में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के लिए कोचिंग ज्वाइन की थी लेकिन बाद में खुद से पढ़ाई करने का निर्णय लिया, और वह अपने तरीके से तैयारी करने लगी।
असफलता के कारण दोस्त उड़ाते थे मजाक

डेंटिस्ट बनने के बाद अपाला मिश्रा यूपीएससी तैयारी करने लगी, सन 2018 से उन्होंने अपनी पढ़ाई शुरू की और अपने 2 प्रयासों में असफल रही थी। लेकिन उन्होंने अपनी असफलताओं से कभी हार नहीं मानी बल्कि और मेहनत की और यूपीएससी परीक्षा को उत्तीर्ण कर दिखाया। अपाला मिश्रा जब यूपीएससी परीक्षा में अपने 2 प्रयासों में असफल रही थी तो उनके दोस्त उनका मजाक उड़ाया करते थे। लेकिन उन्होंने इन सब चीजों पर ध्यान ना देते हुए अपनी बेहतर तैयारी की और उनका चयन यूपीएससी में सिविल सर्विस के लिए हो गया। अपाला मिश्रा ने सन 2020 में 9वी रैंक के साथ सफलता अर्जित कर ली।
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