Piaget Theory of Cognitive Development PDF NOTES in Hindi For CTET & ALL TET
Piaget Theory of Cognitive Development PDF NOTES in Hindi
प्रवर्तक – इस सिद्धांत के प्रतिपादक जीन पियाजे ,स्विट्जरलैंड के निवासी थे। जीन पियागेट एक स्विस मनोवैज्ञानिक और आनुवंशिक एपिस्टेमोलॉजिस्ट थे। वह सबसे अधिक संज्ञानात्मक विकास के अपने सिद्धांत के लिए प्रसिद्ध है जो इस बात पर ध्यान देता है कि बचपन के दौरान बच्चे बौद्धिक रूप से कैसे विकसित होते हैं।
पियागेट के सिद्धांत से पहले, बच्चों को अक्सर केवल मिनी-वयस्कों के रूप में सोचा जाता था। इसके बजाय, पियागेट ने सुझाव दिया कि जिस तरह से बच्चे सोचते हैं, वह उस तरह से अलग है, जिस तरह से वयस्क सोचते हैं।
उनके सिद्धांत का मनोविज्ञान के भीतर एक विशिष्ट उपक्षेत्र के रूप में विकासात्मक मनोविज्ञान के उद्भव पर जबरदस्त प्रभाव था और शिक्षा के क्षेत्र में बहुत योगदान दिया। उन्हें रचनावादी सिद्धांत के एक अग्रणी के रूप में भी श्रेय दिया जाता है, जो बताता है कि लोग अपने विचारों और अपने अनुभवों के बीच की बातचीत के आधार पर सक्रिय रूप से दुनिया के अपने ज्ञान का निर्माण करते हैं।
2002 के एक सर्वेक्षण में पियागेट को बीसवीं शताब्दी के दूसरे सबसे प्रभावशाली मनोवैज्ञानिक के रूप में स्थान दिया गया था।
जीन पियाजे का शिक्षा में योगदान: (Piaget Theory of Cognitive Development PDF NOTES in Hindi)
- जीन पियाजे का संज्ञानात्मक विकास सिद्धांत का प्रतिपादन किया।
- बाल केंद्रित शिक्षा पर बल दिया।
- जीन पियाजे ने शिक्षण में शिक्षक की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि-
1 शिक्षक को बालक की समस्या का निदान करना चाहिए।
2 बालकों के अधिगम के लिए उचित वातावरण तैयार करना चाहिए।
- जीन पियाजे ने बुद्धि को जीव विज्ञान के ‘स्कीमा’ की भांति बदला कर बुद्धि की एक नवीन व्याख्या प्रस्तुत की
- जीन पियाजे ने आत्मीय करण, समंजन, संतुलितनी करण, व स्कीमा आज ऐसी नवीन शब्दों का प्रयोग कर शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- ” स्कीमा” – वातावरण द्वारा अर्जित संपूर्ण ज्ञान का संगठन ही स्कीमा है
- संरचना की व्यवहार गत समानांतर प्रक्रिया जीव विज्ञान में इसकी मां कहलाती है अर्थात किसी उद्दीपक के प्रति विश्वसनीय अनुप्रिया को स्कीमा कहते हैं।
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