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Success Story: केसे किया इन्होंने गरीबी से सरकारी ऑफिसर बनने का दर्दनाक सफर, जाने यहा

Hansraj Bagadiya Success Story in Hindi: जिंदगी मे सफल होना हर आदमी चाहता है लेकिन उन्हे यह नहीं पता है कि अगर लाइफ मे कामयाबी हासिल करनी है तो कई मुश्किलों व संघर्षों का सामना करना पड़ता है, तथा कठिन परिश्रम करके ही आदमी अपनी जिंदगी मे कामयाबी की राह तक पहुँच पाता है। आज यहा आपको एक ऐसे ही कामयाब इंसान के बारे मे बताने जा रहे जो कि बेहद ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे तथा वे अपनी जिंदगी मे कई संघर्ष करते हुए आज एक कामयाब गोवर्मेंट ऑफिसर है। 

मजदूर के घर मे पेदा हुए थे

हंसराज बगड़िया का जन्म एक एक बहुत ही गरीब घर में हुआ था, तथा उनके पिताजी मजदूरी करते थे उनके दादाजी गांव गांव में फिरकर कपड़े बेचने का काम करते थे उनकी मां की बात करें तो उनकी मां तथा उनकी दादी मां घर में पापड़ बनाने का काम करती थी।  

उनका परिवार बड़ा होने से उनके घर की स्थिति काफी नाजुक हालत में थी, घर के दो टाइम खाने का खर्चा भी बहुत मुश्किल से निकल पाता था वह एक सरकारी स्कूल में पढ़ाई करते थे। कभी-कभी तो वे भी अपने पिताजी के साथ मजदूरी पर निकल जाते थे। 

ऐसे तय किया सरकारी नोकरी हासिल करने का गोल 

हंसराज बगड़िया अपने बचपन में मजदूरी करते करते सरकारी स्कूल में आठवीं तक पहुच गए थे , तब एक दिन उनके गांव के एक लड़के की सरकारी नौकरी लग गई, उनके गांव के लोग उस लड़के को उसके परिवार का मान सम्मान करने लगे चारों तरफ उनकी वाह वाही होने , 

इसी को देखते हुए हंसराज गवारिया के पिताजी ने सोच लिया कि वे भी अपने बच्चे को पढ़ा-लिखा कर सरकारी नौकरी के लिए तैयार करेंगे लेकिन उस वक्त जब हंसराज 8वी में थे और उस वक्त आठवीं क्लास बोर्ड होती थी, पहली बार उन्होंने आठवीं क्लास पास कर ली और उनके घर में खुशी का माहौल आ गया, जिससे उनके घर वालों की उम्मीद और बढ़ गई कि बच्चा सरकारी नौकरी करके हमारा नाम रोशन करेगा।

हंसराज बगाडिया ने दसवीं 65% अंकों के साथ सफलता प्राप्त करके कुछ ज्ञान नहीं होने के कारण किसी की राय से 11वीं में साइंस स्ट्रीम ले ली, उनको इस विषय में कोई रुचि न होने के कारण पढ़ाई में मन नहीं लग रहा था, परीक्षा में लगातार कम मार्क्स आते चले गए तथा बड़ी मुश्किल से 12वीं क्लास साइंस स्ट्रीम में पास कर पाए। 

कॉलेज मे पहले ही साल मिली थी असफलता 

12वीं क्लास पास आउट करने के बाद उनको कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था, कि 12 वी तो पास कर ली लेकिन अब क्या करू, उनको कोई गाइड करने वाला नहीं था, उस लड़के ने कही से पता किया कि 12वी के बाद कोनसी पढाई सबसे अच्छी होगी, तथा उसको पता चली कि आईआईटी की प्रीपरेसन सबसे बेस्ट है, आईआईटी की परीक्षा देने के बाद उनको किसी भी कॉलेज मे सिलेक्सन नहीं मिल पाया।  

सिलेक्सन नहीं मिलने के कारण हंसराज ने हार मान ली, लेकिन घरवालों ने उसे समझाया जेसे तैसे हिम्मत करके उन्होंने कॉलेज मे अपना दाखिल लिया लेकिन कॉलेज के फर्स्ट एयर मे ही वे फेल हो गए, लेकिन उनहोमे हार नहीं मानी क्योंकि उनके घरवालों ने उनकी पढाई के लिए अपने जेवर तक गिरवी रख दिए थे तथा पिता दिन रात मजदूरी करके उनकी पढाई की फीस इखट्टा करते थे। 

उन्होंने सेंट्रल वैकन्सी जॉब की तैयारी करना शुरु कर दी उन्होंने सोच लिया था कि जीवन मे कभी हार नहीं मानना है उन्होंने काफी सारी गवर्नमेंट वैकेंसी के लिए एग्जाम दिए, जिनमें उनको सफलता नहीं मिल पाई, काफी परिश्रम करते करते उन्होंने रेलवे एग्जाम को क्रैक कर दिया, लेकिन फाइनल रिजल्ट कुछ इशू होने के कारण बीच में लटक गया। 

इसके बाद उन्होंने अपना एक टीम सेट कर लिया कि वे ऑफिसर के लिए तैयारी करेंगे,  उन्होंने SSC CGL का फॉर्म 2018 मे भर दिया, उसमे असफलता देखने को मिली, इसके बाद 2019 मे फिर से SSC CGL की परीक्षा दी उसमे भी किसी कारणवश असफलता देखने को मिली। तभी उनके सारे गाव के लोग ताने मारने लगे और कहने लगे कि सालों से मजदूरों की पीड़ी चली आ रही है अव भी मजदूरी ही करेगा। घरवालों ने भी उम्मीद छोड़ दी थी। 

उसके बाद 8 अप्रैल 2022 के दिन उनका रिजल्ट आया जिसमे उनका SSC CGL के लिए सिलेक्शन हो गया गया था, उनको कस्टम इंस्पेक्टर एग्जामिनर की पोस्ट मिली, अपनी जिंदगी मे कई संघर्षों का सामना करने के बाद आखिरकार हंसराज बगाड़िया सफलता की राह पर पहुच गए। 

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