राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 पर निबंध | NPE 1986
आज के इस आर्टिकल में हमने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 पर निबंध (essay on national policy on education 1986 in hindi) शेअर किया हैं जिसमे हमने NPE 1986 के सभी महत्वपूर्ण विंदुओ पर चर्चा की है। यह निबंध 1000+ शब्दों मे स्कूल और B.ed कॉलेज के छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है।
Note: इस लेख में Drishti IAS, The Hindu, The Indian Express, Business Line, Hindlogya.com आदि में प्रकाशित NPE 1986 लेखो का विश्लेषण शामिल किया गया है। इस लेख में राष्ट्रीय शिक्षा नीति व उससे संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 पर निबंध | NPE 1986
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 का निर्माण
1964 में भारतीय शिक्षा आयोग के गठन के बाद आयोग के द्वारा केंद्र सरकार के सामने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की गई जिसमें की गई सिफारिशों के आधार पर 24 जुलाई ,1968 में पहली भारतीय शिक्षा नीति National Education policy 1968 की घोषणा की गई इसके मुख्य बिन्दु इस प्रकार थे
- स्वतंत्र भारत में शिक्षा पर यह पहली नीति कोठारी आयोग (1964-1966) की सिफारिशों पर आधारित थी।
- शिक्षा को राष्ट्रीय महत्त्व का विषय घोषित किया गया।
- 14 वर्ष की आयु तक के सभी बच्चों के लिये अनिवार्य शिक्षा का लक्ष्य और शिक्षकों का बेहतर प्रशिक्षण और योग्यता पर फोकस।
- नीति ने प्राचीन संस्कृत भाषा के शिक्षण को भी प्रोत्साहित किया, जिसे भारत की संस्कृति और विरासत का एक अनिवार्य हिस्सा माना जाता था।
- शिक्षा पर केन्द्रीय बजट का 6 प्रतिशत व्यय करने का लक्ष्य रखा।
- माध्यमिक स्तर पर ‘त्रिभाषा सूत्र’ लागू करने का आह्वान किया गया।
- इस नीति का उद्देश्य असमानताओं को दूर करने विशेष रूप से भारतीय महिलाओं, अनुसूचित जनजातियों और अनुसूचित जाति समुदायों के लिये शैक्षिक अवसर की बराबरी करने पर विशेष ज़ोर देना था।
- इस नीति ने प्राथमिक स्कूलों को बेहतर बनाने के लिये “ऑपरेशन ब्लैकबोर्ड” लॉन्च किया।
- इस नीति ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के साथ ‘ओपन यूनिवर्सिटी’ प्रणाली का विस्तार किया।
- ग्रामीण भारत में जमीनी स्तर पर आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने के लिए महात्मा गांधी के दर्शन पर आधारित “ग्रामीण विश्वविद्यालय” मॉडल के निर्माण के लिये नीति का आह्वान किया गया।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 डॉक्यूमेंट
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 (national policy on education 1986) के दस्तावेज को 12 भागों में विभाजित किया गया है
भाग 1
प्रस्तावना
Preface
प्रस्तावना में इस बात पर जोर दिया गया है कि नई चुनौतियों और सामाजिक आवश्यकताओं को देखते हुए सरकार के लिए यह आवश्यक हो गया है कि वह एक नई शिक्षा नीति तैयार करे तथा उसे क्रियान्वित करे
भाग – 2
शिक्षा का सार व भूमिका
The essence and role of education
इस भाग में शिक्षा के द्वारा प्रजातंत्रीय लक्ष्य – समानता, स्वतन्त्रता, भ्रातृत्व, धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और न्याय की प्राप्ति की बात कही गई है
साथ ही शिक्षा को भविष्य के निर्माण का उत्तम साधन बताया गया है
भाग 3
राष्ट्रीय प्रणाली
National system
इस भाग में पूरे देश में एक ही शिक्षा प्रणाली की बात कही गई है जिसके अनुसार सम्पूर्ण देश में 10+2+3 शिक्षा 10 वर्षीय शिक्षा में 5 वर्षीय प्राथमिक शिक्षा तथा 3 वर्षीय उच्च प्राथमिक शिक्षा और उसके बाद 2 वर्षीय हाईस्कूल शिक्षा की व्यवस्था होगी +2 पर इण्टरमीडिएट शिक्षा तथा +3 पर स्नातक शिक्षा प्रदान की जाएगी।
भाग 4
समानता के लिए शिक्षा
Education for equality
इस भाग में असमानताओं को दूर कर सभी के लिए शिक्षा के समान अवसर उपलब्ध कराने की बात कही गयी है।
खास तौर पर महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए शिक्षा का प्रयोग एक साधन के रूप में करने की बात कही गयी है और उन कारणों का समाधान किया जाएगा जिनकी वजह से बालिकाएं शिक्षा से वंचित रह जाती हैं।
निर्धन परिवारों के बच्चों को 14 वर्ष तक की अनिवार्य शिक्षा लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। अनुसूचित जातियों के लिए छात्रवृत्ति तथा छात्रावासों की व्यवस्था की जाएगी।
अनुसूचित जातियों के लिए शैक्षिक सुविधाओं का विस्तार करने सम्बन्धी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगारकार्यक्रम तथा रोजगार गारण्टी कार्यक्रमों की व्यवस्था की जाएगी।
भाग 5
विभिन्न स्तरों पर शैक्षिक पुनर्गठन
Educational reorganization at various levels
इस भाग में विभिन्न स्तरों पर शिक्षा और उसके कार्यान्वयन के लिए कई स्तरों पर शिक्षा के पुनर्गठन की बात कही गयी है।
भाग 6
तकनीकी तथा प्रबंध शिक्षा
Technical and management education
इस भाग में भविष्य की परिस्तिथियों को ध्यान में रखकर तकनीकी शिक्षा के जरूरत की बात कही गयी है
खास तौर पर महिलाओं ,आर्थिक तथा सामाजिक रूप से कमजोर वर्ग तथा विकलांगों के लिए भी तकनीकी शिक्षा की उचित व्यवस्था के प्रबंधन की बात करी गयी है