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Crack CTET 2021: हिंदी पेडगॉजी के इन सवालों के उत्तर देकर, चेक करें अपनी तैयारी का लेवल

CTET 2021 Hindi Pedagogy MCQ: सीबीएसई द्वारा केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) 16 दिसंबर से आयोजित की जा रही है जो कि 13 जनवरी 2022 तक चलेगी. शिक्षक बनने के लिए देश भर के लाखों अभ्यर्थी सीटेट परीक्षा में शामिल हो रहे हैं, यदि आप भी सीटेट परीक्षा देने जा रहे हैं तो इस आर्टिकल में दिए गए हिंदी पेडगॉजी के संभावित सवाल आपको जरुर पढ़ लेना चाहिए. हिंदी पेडगॉजी से पेपर -1 तथा पेपर -2 में 15-15 सवाल पूछे जाते हैं. यहां हमने हाल ही में आयोजित सीटेट परीक्षा शिफ्ट (16, 20 DEC 2021) में पूछे गए सवालों के आधार पर इन नीचे दिए गए इन संभावित प्रश्नों का चुनाव किया है. यदि आप भी सीटेट परीक्षा में शामिल होने वाले हैं तो यह सवाल आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं.
आपको बता दें कि सीबीएसई द्वारा सीटेट परीक्षा का आयोजन वर्ष में दो बार किया जाता है इस परीक्षा में दो पेपर लिए जाते हैं जिन अभ्यर्थियों को कक्षा 1 से 5 तक का शिक्षक बनना है उन्हें पेपर-1 जबकि कक्षा 6 से 8 तक के शिक्षक बनने के लिए paper-2 पास करना आवश्यक है सीटेट परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी केंद्र सरकार के अधीन विभिन्न स्कूलों तथा शिक्षण संस्थाओं में शिक्षकों के पद पर आवेदन के पात्र हो जाते हैं.
हिंदी पेडगॉजी के सम्भावित सवाल जो अगली CTET Exam shift में पूछे जा सकते है- Hindi Pedagogy Expected Questions Based on Recently conducted CTET Shifts
Q.1 बहुभाषी कक्षा से तात्पर्य है :
a)जिस कक्षा में प्रत्येक बच्चे के घर की बोली को सम्मान दिया जाता है
b) जहां बहुत सी भाषाओं का अध्यापन किया जाता है
c) जिस कक्षा में कम से कम 2 भाषाओं में पाठ्य पुस्तक उपलब्ध हो ।
d) जिस कक्षा में शिक्षक शिक्षिका दो या दो से अधिक भाषाएं पढ़ लिख सकते हैं
Ans-(a)
Q.2 संज्ञान के स्तर पर विकसित ……..अन्य भाषाओं में आसानी से अनूदित होती रहती है।
a)व्याकरण क्षमता
b) तर्क क्षमता
c) भाषा क्षमता
d) ज्ञान क्षमता
Ans-(c)
Q.3 भाषा शिक्षण को ……संदर्भ में रखकर देखने की आवश्यकता है ।
a)सांस्कृतिक
b)नैतिक
c) बहुभाषी
d) आर्थिक
Ans-(c)
Q.4 संयुक्त परिवारों में बच्चों का भाषा विकास अपेक्षाकृत बेहतर होता है इसका आधार है –
a)बड़ों की परिपक्व भाषा
b) बच्चों द्वारा बड़ों का अनुकरण
c) परस्पर अंत: क्रिया
d)परस्पर प्रश्नोंत्तर
Ans-(c)
Q.5 प्राथमिक स्तर पर भाषा सीखने सिखाने की सबसे पहली शर्त है –
a)सरल पाठ्यपुस्तक
b) निवेश समृद्ध संप्रेषण का वातावरण
c) बाल साहित्यकारों का साहित्य
d) चार्ट पोस्टर से सुसज्जित कक्षा
Ans-(b)
Q.6 गद्य शिक्षण में अपेक्षित नहीं है –
a)भाषा की बारीकियां समझना
b) कल्पनाशीलता का विकास
c) तार्किक शक्ति का विकास
d) अनुकरण क्षमता का विकास
Ans-(d)
Q.7 हिंदी भाषा की पाठ्य पुस्तकों में हिंदी पर भाषाओं की रचनाओं को भी स्थान मिलना चाहिए ताकि-
a)बच्चों को हिंदी तर रचनाकारों की जानकारी मिल जाए
b) बच्चे हिंदी तर रचनाओं की भाषिक विशेषताओं से परिचित हो सकें
c) बच्चे हिंदी तर भाषाओं पर अपनी पकड़ बना सकें
d) बच्चे हिंदी तर भाषाओं के व्याकरण से परिचित हो सकें
Ans-(b)
Q.8 उच्च प्राथमिक स्तर पर हिंदी भाषा शिक्षण का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है-
a)हिंदी भाषा की नियम व प्रकृति को पहचानना
b) हिंदी भाषा की व्याकरण को कंठस्थ करना
c) हिंदी भाषा में प्रसिद्ध रचनाकारों को जानना
d) हिंदी भाषा की प्रसिद्ध रचनाओं को जानना ।
Ans-(a)
Q.9 भाषण , परिचर्चा, संवाद , बच्चों की ….. क्षमता का विकास करने में सहायक है।
a)लिखित अभिव्यक्ति
b) मौखिक अभिव्यक्ति
c)कल्पनाशीलता
d) अनुकरण
Ans-(b)
Q.10 गद्य रचना को पद्य में रूपांतरित करना पद्य को गद्दी में रूपांतरित करना – – – – में मदद करता है।
a) साहित्य की सर्वोत्कृष्ट भजन
b)अभ्यास प्रश्नों को गढ़ने
c) भाषायी संरचना पर अधिकार
d)भाषा व्याकरण पर अधिकार
Ans-(c)
Q.11 आप छठी कक्षा में बच्चों के लिए हिंदी भाषा सिखाने सीखने की किस पद्धति का समर्थन करेंगे ?
a)जिसमें बच्चों को बोलने का अवसर मिले
b) जिसमें बच्चों को पाठ्य पुस्तक बिल्कुल ना पढनी हो
c)जिसमें बच्चे परस्पर अंत: क्रिया करते हैं
d)जिसमें बच्चे केबल लेखन कार्य करते हैं
Ans-(c)
Q.12 त्रिभाषा सूत्र के अनुसार स्कूल में पहले भाषा जो पढ़ाई जाए वह …..हो या …… भाषा ।
a)मातृभाषा क्षेत्रीय
b) मातृभाषा हिंदी
c) हिंदी अंग्रेजी
d) अंग्रेजी विदेशी
Ans-(a)
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यहां हमने CTET 2021 परीक्षा के “हिंदी पेडगॉजी” (CTET 2021 Hindi Pedagogy MCQ) के सम्भावित सवाल के सम्भावित सवाल शेयर किए हैं, जिन्हें आपको परीक्षा से पूर्व एक बार जरूर पढ़ लेना चाहिए, सीटीईटी सहित सभी TET परीक्षा की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे Social Media Handle को फॉलो जरूर करें-
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UP Teacher Vacancy 2023: योगी सरकार का तोहफा, 51 हजार शिक्षक भर्ती जल्द, CTET-UPTET क्वालीफाई को मिलेगी एंट्री

UP Shikshak Bharti 2023 (UPDATED): उत्तर प्रदेश में लंबे समय से शिक्षक भर्ती परीक्षा का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों के लिए अच्छी खबर है. उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद (UPBEB) जल्द ही शिक्षक के 51 हजार से अधिक रिक्त पदों पर बंपर भर्ती निकालने वाला है. नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा चुनाव से पहले योगी सरकार प्रदेश में माध्यमिक व राजकीय विद्यालयों में रिक्त शिक्षकों के पदों पर भर्ती करने जा रही है.
इतने पदों पर होगी भर्ती
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बेसिक शिक्षा विभाग में टीजीटी/ पीजीटी शिक्षकों के लगभग 51 हजार से अधिक पद रिक्त हैं, इसके अलावा राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों के 7 हजार 471 पद रिक्त हैं. तो वही बात करें प्रवक्ता तथा सहायक अध्यापकों के पदों कि तो बताया जा रहा है प्रवक्ता के 2115 जबकि सहायक अध्यापक के 5256 पद खाली हैं जिनपर भर्ती की जानी है.
CTET-UPTET पास कर सकेंगें आवेदन
उत्तर प्रदेश के प्राइमरी तथा अपर प्राइमरी सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती सुपर टेट परीक्षा (SUPER TET) के माध्यम से की जाती है, जिसका आयोजन उत्तर प्रदेश बेसिक एजुकेशन बोर्ड द्वारा किया जाता है. सुपर टेट परीक्षा में केवल वे अभ्यर्थी ही शामिल हो सकते हैं जिन्होंने यूपी टेट परीक्षा (Uttar Pradesh Teacher Eligibility Test– UPTET) पास की हो. बहुत से अभ्यर्थियों के मन में यह सवाल भी रहता है कि क्या सीटेट परीक्षा क्वालीफाई अभ्यर्थी यूपी शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल हो सकते हैं?
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती परीक्षा यानी सुपर टेट में शामिल होने के लिए उम्मीदवार को किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री तथा टीचिंग ट्रेनिंग कोर्स (D.El.Ed, BTC, B.Ed. आदि) पास किया होना चाहिए साथ ही UPBEB द्वारा आयोजित यूपी टेट परीक्षा पास होना जरूरी है. इसके अलावा पेपर -1 के लिए सीटेट पास अभ्यर्थी भी सुपर टेट परीक्षा देने के पात्र होते हैं.
यदि बात करें आयु सीमा की तो न्यूनतम 21 वर्ष से लेकर अधिकतम 40 वर्ष की आयु वाले अभ्यर्थी सुपर टेट परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं हालांकि उत्तर प्रदेश के मूल निवासी अभ्यर्थियों को कैटेगरी वाइज अधिकतम आयु में छूट का प्रावधान है अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक नोटिफिकेशन पढ़ें.
इच्छुक उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट ctet.nic.in पर जाकर अपना आवेदन सबमिट कर सकते हैं. सीटेट परीक्षा पास करने पर उम्मीदवार सुपर टेट के साथ ही केंद्र सरकार द्वारा संचालित केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय तथा आर्मी पब्लिक स्कूल आदि में निकलने वाली शिक्षकों की भर्ती में भी शामिल हो सकते हैं.
कब आएगा यूपीटीईटी नोटिफ़िकेशन? (UPTET 2023 Notification Update)
उत्तर प्रदेश में शिक्षक बनने की चाह रखने वाले लाखों अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी यूपीटीईटी के नोटिफिकेशन का इंतजार कर रहे हैं नवीनतम मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपीटीईटी परीक्षा का नोटिफिकेशन फ़रवरी 2023 के अंतिम सप्ताह या मार्च के पहले सप्ताह तक जारी किया जा सकता है। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अभ्यर्थी आधिकारिक वेबसाइट updeled.gov.in पर जाकर आवेदन कर पाएंगे. जिसके बाद अप्रैल महीने में ऑनलाइन मोड में UPTET परीक्षा आयोजित की जाएगी.
अधिक जानकारी के लिए अभ्यर्थी लगातार शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर विजिट करते रहें बता दें कि यूपीटीईटी परीक्षा में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी की उम्र 18 साल या उससे अधिक होनी चाहिए इसके साथ ही बैचलर डिग्री या समकक्ष डिप्लोमा होना जरूरी है।
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CTET Answer Key 2023: शिक्षक पात्रता परीक्षा की आंसर की करें डाउनलोड, जानें कब तक आयेगा परीक्षा परिणाम

CTET Answer Key 2023: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड याने CBSE द्वारा आयोजित की जाने वाली CTET परीक्षा आज 7 फ़रवरी को पूरी हो चुकी है, यह परीक्षा 28 दिसंबर अग़ल-अलग दिन दो शिफ्ट में आयोजित की जा रही है जिसमें शिक्षक बनने की चाह रखने वाले लाखों अभ्यर्थी शामिल हुए है। अब परीक्षा की समाप्ति के बाद अभ्यर्थी अपनी आंसर की जारी होने का इंतज़ार कर रहे है, बता दें कि परीक्षा समाप्ति के कुछ दिन के भीतर ही CBSE द्वारा आंसर की जारी कर दी जाती है।
इस दिन जारी होगी आंसर की
CTET परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थियों का इंतज़ार जल्द ही ख़त्म होने वाला है मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ CBSE द्वारा 11 फ़रवरी 2023 को आधिकारिक वेबसाइट ctet.nic.in पर CTET पेपर 1 तथा पेपर 2 की आंसर की जारी कर दी जाएगी। इसके बाद मार्च माह में फाइनल आंसर-की तथा परीक्षा परिणाम जारी किया जा सकता है।
बता दें आंसर की लिंक ऐक्टिव होने के बाद उम्मीदवार अपने रजिस्ट्रेशन नंबर तथा जन्म तारीख़ की सहायता से आधिकारिक वेबसाइट पर लॉगिन कर अपनी उत्तर कुंजी डाउनलोड कर पाएँगें।
परीक्षा में लागू होगा नॉर्मलिज़ेशन
सीबीएसई द्वारा दिसंबर 2021 में पहली बार CTET परीक्षा ऑनलाइन आयोजित की गई थी, तथा इस बार भी यह परीक्षा ऑनलाइन ही आयोजित हुई है। चुकी परीक्षा का आयोजन अलग- अगल दिन कई शिफ़्टों में किया गया है लिहाज़ा परीक्षार्थियों के मध्य समान प्रतिस्पर्द्धा क़ायम रखने के लिए नॉर्मलिज़ेशन व्यवस्था को लागू किया गया है। बता दें कि परीक्षा में नॉर्मलिज़ेशन होने की जानकारी CBSE द्वारा नोटिफिकेशन जारी कर पहले ही दे दी गई थी।
CTET Exam Cut Off 2023
सीटीएटी परीक्षा में कैटेगरी वाइज कटऑफ़ निर्धारित किया गया है। पेपर 1 तथा पेपर 2 के लिए कट ऑफ अंक समान है। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी को इस परीक्षा में पास होने के लिए 60 प्रतिशत अंक याने 150 नंबर के पेपर में 90 अंक लाना होगा, जबकि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को 55 प्रतिशत अंक यानें 150 अंक के पेपर में 82 अंक लाना होगा।
Category | Minimum qualifying percentage | Minimum qualifying Marks |
Schedule Caste (SC) | 55% | 82 out of 150 |
Schedule Tribe (ST) | 55% | 82 out of 150 |
CTET Exam 2023 Important FAQs
नहीं, CBSE द्वारा आयोजित सीटीईटी परीक्षा में किसी भी प्रकार की नकारात्मक मार्किंग नहीं की जाती है।
आजीवन, CTET परीक्षा पास करने वालों अभ्यर्थियों को मिलने वाले सर्टिफिकेट की वैद्यता लाइफ टाइम कर दी गई है जो पहले 7 वर्ष थी।
इस परीक्षा में शामिल होने के लिए अधिकतम उम्र सीमा निर्धारत नहीं है, हालाकि न्यूनतम आयु 18 वर्ष होना चाहिए।
उम्मीदवार जीतने बार चाहे उतने बार सीटीईटी परीक्षा में शामिल हो सकते है, जो अभ्यर्थी इस परीक्षा में पास हो चुके है वे अपने स्कोर को सुधार के लिए दुबारा परीक्षा दे सकते है।
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CTET 2022-23: लेव वाइगोत्सकी के सिद्धांत से परीक्षा में पूछे जा रहे है ये सवाल, अभी पढ़ें

Lev Vygotsky’s Theories Based MCQ For CTET: शिक्षक बनने के लिए जरूरी सीटेट यानी केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन 7 फरवरी 2023 तक ऑनलाइन सीबीटी मोड में किया जा रहा है. यह परीक्षा 29 दिसंबर 2023 से शुरू हुई थी तथा अब 3, 4, 6 तथा 7 फरवरी को परीक्षा का आयोजन होना बाकी है. यदि आप भी आगामी सीटेट परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं तो इस आर्टिकल में दी गई जानकारी आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.
यहां पर हम नियमित रूप से सीटेट परीक्षा के लिए प्रैक्टिस सेट शेयर करते रहे हैं। इसी श्रृंखला में आज हम लेव वाइगोत्सकी के सिद्धांत पर आधारित कुछ ऐसे सवाल लेकर आए हैं, जो की परीक्षा में पूछे जा सकते हैं। तो लिए जाने इन महत्वपूर्ण सवालों को जो की इस प्रकार हैं।
लेव वाइगोत्सकी के सिद्धांत से जुड़े संभावित प्रश्न—CTET Exam Lev Vygotsky’s Theories Related Questions
1. लेव वाइगोत्स्की के अनुसार, निम्न में से किसके लिए “समीपस्थ विकास क्षेत्र” का इस्तेमाल करना चाहिए?
1. अध्यापन और मूल्याँकन
2. केवल अध्यापन
3. केवल मूल्यांकन
4. प्रवाही बौद्धिकता की पहचान
Ans- 1
2. एक विशिष्ट संप्रत्यय को पढ़ाने हेतु एक अध्यापिका बच्चे को आधा हल किया हुआ उदाहरण देती है। लेव वायगोत्सकी के अनुसार अध्यापिका किस रणनीति का इस्तेमाल कर रही है?
1. अवलोकन अधिगम
2. पाड़
3. द्वंद्वात्मक अधिगम
4. अनुकूलन
Ans- 2
3. ‘समीपस्थ विकास के क्षेत्र का संप्रत्यय किसने प्रतिपादित किया है?
1. जेरोम ब्रूनर
2. डेविड ऑसबेल
3. रोबर्ट एम. गायने
4 लेव व्यागोत्सकी
Ans- 4
4. रश्मि अपनी कक्षा में विद्यार्थियों के सीखने की क्षमता को ध्यान में रखकर विभिन्न प्रकार के कार्यकलापों का उपयोग करती है और सहपाठियों द्वारा अधिगम को बढ़ावा देने के लिए समूह भी बनाती है। निम्नलिखित में से कौन-सा इसका समर्थन करता है?
1. सिग्मंड फ्रॉयड का मनो यौनिक सिद्धांत
2. लेव वायगोत्सकी का सामाजिक सांस्कृतिक सिद्धांत
3. लॉरेंस कोहलबर्ग का नैतिक विकास का सिद्धांत
4. बी. एफ. स्किनर का व्यवहारवादी सिद्धांत
Ans- 2
5. वायोगात्सकी के सिद्धांत के अनुसार ‘निजी संवाद’
1. बच्चों के आत्मकेंद्रीयता का घोतक है।
2. बच्चों के क्रियाकलापों और व्यवहार का अवरोधक है।
3. जटिल कार्य करते समय बच्चे को उसके व्यवहार संचालन में सहायता देता है।
4. यह संकेत देता है कि संज्ञान कभी भी आंतरिक नहीं होता।
Ans- 3
6. कौन सा कथन लेव व्यागोत्सकी के मूल सिद्धांत को सही मायने में दर्शाता है?
1. अधिगम एक अन्तमन प्रक्रिया है।
2. अधिगम एक सामाजिक क्रिया है।
3. अधिगम उत्पतिमूलक क्रमादेश है।
4. अधिगम एक अक्रमबद्ध प्रक्रिया है जिसके चार चरण है।
Ans- 2
7. इनमें से कौन-सा अध्यापक द्वारा पाड़ का उदाहरण नहीं है?
1. अनुकरण के लिए कौशलों का प्रदर्शन करना
2. रटना
3. इशारे एवं संकेत
4. सहपाठियों संग साझा शिक्षण
Ans- 2
8. लेव वायगोत्सकी के संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत को ……….. कहा जाता है क्योंकि वे तर्क देते हैं कि बच्चों का सीखना संदर्भ में होता है।
1. मनोगतिशील
2. मनोलैंगिक
3. सामाजिक सांस्कृतिक
4. व्यवहारात्मक
Ans- 3
9. जब कोई अध्यापिका किसी विद्यार्थी को उसके विकास के निकटस्थ क्षेत्र पर पहुंचाने के लिए सहायता को उसके निष्पादन के वर्तमान स्तर के अनुरूप है, तो अध्यापिका किस नीति का प्रयोग कर रही है। कर रही है।
1. सहयोगात्मक अधिगम का प्रयोग
2. अंतर पक्षता का प्रदर्शन
3. पाड़
4. विद्यार्थी में संज्ञानात्मक द्वंद पैदा करना
Ans- 3
10. लेव वायगोत्सकी द्वारा दिए बच्चों के विकास का सिद्धांत किस पर आधारित है ?
1. भाषा और संस्कृति
2. भाषा और परिपक्वता
3. भाषा और भौतिक जगत
4. परिपक्वता और संस्कृति
Ans- 1
11.समीपस्थ विकास के क्षेत्र’ की संरचना किसने प्रतिपादित की थी?
1. लॉरेंस कोहल
2. लेव वायगोत्स्की
3. ज़ोरोंन ब्रूनर
4. जीन पियाजे
Ans- 2
12. निम्न में से कौन-सा कथन बच्चों के संज्ञानात्मक विकास के विषय में जीन पियाजे और लेव वायगोत्सकी के विचारों के बीच मुख्य अंतर दर्शाता है?
1. पियाजे बच्चों के स्वतंत्र प्रयासों द्वारा जगत को अनुभव करने पर जोर देते हैं, जबकि वायगोत्स्की संज्ञानात्मक विकास को सामाजिक मध्यस्थ प्रक्रिया के रूप में देखते हैं।
2. पियाजे बच्चों को सक्रिय स्वतंत्र जीव के रूप में देखते हैं, जबकि वायगोत्स्की उन्हें मुख्यतः वातावरण द्वारा नियंत्रित जीव के रूप में देखते हैं।
3. पियाजे भाषा को बच्चों के संज्ञानात्मक विकास के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं, जबकि विकास पर बल देते हैं।
4. पियाजे के अनुसार बच्चे अपने मार्गदर्शन के लिए स्वयं से बात कर सकते हैं, जबकि वायगोत्सकी के लिए बच्चों की बात आत्मकेन्द्रीयता का द्योतक है।
Ans- 1
13. एक अध्यापिका शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में विद्यार्थियों को सहपाठियों से अंतः क्रिया कराकर एवं सहारा देकर अध्यापन करती है। यह शिक्षण अधिगम की प्रक्रिया किस पर आधारित है ?
1. लॉरेंस कोहलबर्ग के नैतिक विकास सिद्धांत पर
2. जीन पियाजे के संज्ञानात्मक विकास सिद्धांत पर
3. लेव वायगोत्स्की के सामाजिक-सांस्कृतिक सिद्धांत पर
4. हावर्ड गार्डनर के बहुआयामी बुद्धि सिद्धांत पर
Ans- 3
14. वायगोत्स्की के सिद्धान्त के अनुसार ‘सहायक खोज’ किस में सहायक है।
1. संज्ञानात्मक द्वंद्व
2. उत्प्रेरक-प्रतिक्रिया सहचर्य
3. पुनर्बलन
4. सहपाठी- सहयोग
Ans- 4
15. कक्षा में विद्यार्थियों को त्यौहारों को मनाने के अपने अनुभवों को साझा करने के देना और उसके आधार पर सूचना निर्मित करने को बढ़ावा देना किसका उदाहरण है। ?
1. व्यवहारवाद
2. पाठ्यपुस्तक आधारित अध्यापन
3. सामाजिक संरचनावाद
4. प्रत्यक्ष निर्देशन
Ans- 3
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