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CTET 2022: ‘बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र’ के कुछ ऐसे प्रश्न पूछे जा रहे हैं सीटेट परीक्षा में, अभी पढ़ें!

CTET Child Development and Pedagogy Practice Set: सीबीएसई के द्वारा आयोजित होने वाले केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) के सोलवे संस्करण का आयोजन 28 दिसंबर 2022 से 7 फरवरी 2023 तक विभिन्न तारीखों पर किया जाएगा जिसमें देशभर से लाखों की संख्या में अभ्यर्थी शामिल होंगे अगर आप ही इस परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं तो आपके लिए यहां पर हम परीक्षा में पूछे जा रहे प्रश्नों के आधार पर बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र के संभावित प्रश्न जो कि आगामी शिफ्ट में पूछे जा सकते हैं लेकर आए हैं अभ्यर्थी इन प्रश्नों के द्वारा अपनी तैयारी को और बेहतर बना सकते हैं और परीक्षा में अच्छे अंकों के साथ सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा की अगली शिफ्ट में पूछे जा सकते हैं सीडीपी के ऐसे प्रश्न—CTET 2022 Child Development and Pedagogy practice set
Q1. बच्चे किस प्रकार से सीखते हैं ? नीचे दिए गए कथनों में से कौनसा इस प्रशन के विषय में सही नहीं है?/How children learn? Which one of the following is not true with respect to this statement ?
a. बच्चे तब सीखते हैं, जब वे संज्ञानात्मक रूप से तैयार होते हैं/Children learn when they are cognitively ready
b. बच्चे अनेकों प्रकार से सीखते हैं/Children learn in a number of ways
c. बच्चे सीखते हैं, क्योंकि वे स्वाभाविक रूप से प्रेरित होते हिं/Children learn as they are naturally motivated
d. बच्चे केवल कक्षा में सीखते हैं/Children learn in class only
Ans- d
Q2. समावेशी शिक्षा से अभिप्राय है. -/Inclusive education implies that
a. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) का आरक्षण केवल सरकारी विद्यालयों में ही उपलब्ध करवाया जाए।/EWS (Economically Weaker Section) quota be made available only in government schools
b. दिव्यांग छात्रों को सिर्फ विशेष विद्यालयों में शिक्षा दी जाए।/Students with disabilities should be placed in special schools only.
c. सरकारी विद्यालयों में केवल अंग्रेजी भाषा पढाई जाए।/Only English be taught in government schools.
d. योग्यताओं से परे होकर सभी बच्चों को गुणवत्तीय शिक्षा उपलब्ध करवाई जाए।/All children, irrespective on their abilities be provided quality education.
Ans- d
Q3. एक बाल – केन्द्रित शिक्षा में /In child centred education –
a. शिक्षिका की कोई भूमिका नहीं होती।/The teacher does not play any role
b. शिक्षिका की सक्रिय भूमिका होती है तथा विद्यार्थी निष्क्रिय होते हैं।/The teacher play active role while the students are passive
c. विद्यार्थियों की सक्रिय भूमिका होती है तथा शिक्षिका निष्क्रिय होती है। /The students are active while the teacher passive
d. शिक्षिका व विद्यार्थियों दोनों की सक्रिय भूमिका होती है।/Teacher and students are both active
Ans- d
Q4. एक सामाजिक – संरचनात्मक कक्षा में कौन सी आंकलन विधि अधिक उपयुक्त रहेगी ?/In a socio- constructivist classroom which methods of assessment would be preferred ?
a. सहयोगी – प्रायोजित कार्य/Collaborative projects of
b. एक शब्दोत्तर वाले वस्तु परक प्रश्न/Objective questions having one word answers
c. मानक परीक्षण/Standardized tests.
d. मात्र स्मरण पर आधारित परीक्षा/Tests based on mere recall.
Ans- a
Q5. एक प्राथमिक विद्यालय की अध्यापिका बच्चों को एक प्रभावशाली समस्या समाधानकर्ता बनने के लिए किस प्रकार से प्रोत्साहित कर सकती है ?/A primary school teacher can encourage children to become effective problem solvers by –
a. प्रत्येक छोटे कार्य के लिए भौतिक पुरस्कार देकर ।/Offering materialistic rewards for every small tasks
b. केवल प्रक्रियात्मक ज्ञान पर बल / महत्त्व देकर/Emphasizing only on procedural knowledge
c. ‘गलत उत्तरों’ को अस्वीकार करके एवं दण्डित करके।/Dismissing and penalizing incorrect answers’
d. बच्चों को सहजानुभूत अनुमान लगाने के लिए प्रोत्साहित करके तथा किसी पर आधारित विचार मंथन करके।/Encouraging children to make intuitive guesses and then brainstorming on the same.
Ans- d
Q6. एक अध्यापिका अपने विद्यार्थियों में खोजी अधिगम को सुसाध्य करना चाहती है। इसके लिए , उसे अध्यापिका को क्या करना चाहिए ?/A teacher is planning to facilitate discovery learning among her students. For their purpose. She should.
a. व्याख्यान विधि का अत्यधिक प्रयोग करना चाहिए/Extensively use lecture method.
b. केवल पाठ्य पुस्तक के इस्तेमाल पर बल देना चाहिए/Emphasize on use of text books only.
c. आवश्यकतापूर्ण मार्गदर्शन के साथ स्वनिर्देशित प्रयोग को सुसाध्य करना चाहिए।/Facilitate self – directed experimentation with requisite guidance.
d. विद्यार्थियों को बिना किसी मार्गदर्शन के खुद काम करने देना चाहिए।/Let students work on their own without any guidance.
Ans- c
Q7. भाषा के सन्दर्भ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 किस पर बल देती है ?/In the context of languages. National Education Policy 2020 emphasizes on:
(a) बहभाष्यता/Multilingualism
(b) एकभाषावाद/Mono lingualism
(c) पूरे देश में निर्देश का माध्यम अंग्रेजी हो/English as the medium of instruction across the nation
(d) परे देश में निर्देश का माध्यम हिंदी हो/Hindi as the medium of instruction across the nation
Ans- a
Q8. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 किस पर बल देती है ?/National Education Policy 2020 emphasizes on –
(a) लचीला बह-स्तरीय गति आधारित अधिगम/flexible multi-level activity based learning
(b) बच्चों के केवल संज्ञानात्मक विकास से संबंधित पहलू/only the aspects related to cognitive development of children.
(c) राष्ट्रीय पाठ्यचर्या के मानकीकरण पर/standardization of a national curriculum.
(d) बच्चों के स्मरण कौशलों के मापन पर/measurement of memorization abilities of children.
Ans- a
Q9. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसर मूल्यांकन का उद्देश्य किसकी जानकारी देता है ?/The purpose of assessment as per the National Education Policy 2020 is to provide information on –
(a) विद्यार्थी को कक्षा में व कक्षा के बाहर कैसे सहायता दी जा सकती है।/how to support the students in and out of the classroom.
(b) विद्यार्थी का उसके सहपाठियों की तुलना में प्रदर्शन ।/comparison of the students performance with her classmates.
(c) विद्यार्थी के सीख्नेमें कमियाँ व अभाव ताकि उसकी असफलता की पृष्ठ पहचान की जा सके।/the gaps and deficiencies in student learning to accurately identify her failure.
(d) विद्यार्थी की रटने की क्षमता की जानकारी ।/Memorization student.
Ans- a
Q10. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में निम्न में से कौनसा कथन प्रस्तावित है ? /Which of the following statements is proposed in National Education Policy 2020?
(a) अपनी मातृभाषा में शिक्षित होना शैक्षिक और प्रौद्योगिक उन्नति में बाधक है।/Being educated in one’s mother tongue is detrimental to educational and technological advancements.
(b) विद्यालयों को बच्चों को अंग्रेजी भाषा की प्रथम भाषा के रूप में सीखने और बोलने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।/Schools should encourage children to learn and speak English as their first language.
(c) बाल विद्यार्थियों के लिए बहुभाषी होने के उच्च संज्ञानात्मक लाभ हैं।/Multilingualism has great cognitive benefits for young students.
(d) द्विभाषीय उपागम विद्यार्थियों में उलझन पैदा करता है और सीखन में बाधा डालता है।/Bilingual approach confuses students and hampers learning,
Ans- c
Q11. राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के अनुसार आकलन के क्या उद्देश्य है-/The purposes of assessment according to National Education Policy (2020) are –
i. सीखने के स्तर को सुनिश्चित करने के लिए विद्यार्थियों में तनाव उत्पन्न करना और डर पैदा करना ।/To generate stress and induce fear amongst students to ensure learning levels.
ii. अध्यापन – अधिगम क्रियाओं को दोहराना।/To revise-teaching learning in processes.
iii. अधिगम और विकास को अनुकूलित बनाना।/To optimize learning and development.
iv. कक्षा के अन्दर और बाहर विद्यार्थियों को समर्थन देना।/To support students inside and outside the classroom.
(a) i, ii और iv
(b) i और iii
(c) i, ii और iii
(d) ii, iii और iv
Ans- d
Q12. एनसीएफ 2005 के अनुसार, एक शिक्षक की भूमिका होनी चाहिए:/According to NCF 2005, the role of a teacher has to be:
(a) तानाशाही/Dictatorial
(b) स्वतंत्र/Permissive
(c) सुविधाजनक/Facilitative
(d) आधिकारिक/authoritative
Ans- c
Q13. एनसीएफ, 2005 के अनुसार प्राथमिक स्तर पर गणित पढ़ाने का उद्देश्य निम्नलिखित में से कौन सा नहीं है?/Which of the following is not an objective of teaching mathematics at primary level according to NCF, 2005?
(a) उच्च और अमूर्त गणित सीखने के लिए तैयारी/ Preparing for learning higher and abstract mathematics
(b) गणित को बच्चे के जीवन के अनुभवों का हिस्सा बनाना/Making mathematics part of child’s life experiences
(c) समस्या को और समस्या प्रस्तुत कौशल को बढ़ावा देना/Promoting problem solving and problem posing skills
(d) तार्किक सोच को बढ़ावा देना/Promoting logical thinking
Ans-a
Q14. एनसीएफ, 2005 के अनुसार, जो निम्नलिखित में से एक प्राथमिक स्कूलों में गणित शिक्षा का एक प्रमुख उद्देश्य नहीं है?/According to NCF 2005, which one of the following is not a major aim of Mathematics education in primary schools?
(a) बच्चे की विचार प्रक्रिया का सही उत्तर करने के लिए/To mathematization of the child’s thought process
(b) गणित को बच्चे के संदर्भ में बताना /To relate mathematics to the child’s context
(c) समस्या को सुलझाने के कौशल को बढ़ाने के लिए/To enhance problem solving skills
(d) गणित में उच्च शिक्षा के लिए तैयार करने के लिए/To prepare for higher education in mathematics
Ans- a
Q15. एनसीएफ के अनुसार। 2005, निम्नलिखित में से कौन सा ईवीएस का विषय है?/As per the NCF 2005, which one among the following is the theme of EVS?
(a) खाद्य/Food
(b) सौर मंडल/Solar system
(c) मौसम/ Weather
(d) ऊर्जा/Energy
Ans- a
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UP Teacher Vacancy 2023: योगी सरकार का तोहफा, 51 हजार शिक्षक भर्ती जल्द, CTET-UPTET क्वालीफाई को मिलेगी एंट्री

UP Shikshak Bharti 2023 (UPDATED): उत्तर प्रदेश में लंबे समय से शिक्षक भर्ती परीक्षा का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों के लिए अच्छी खबर है. उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद (UPBEB) जल्द ही शिक्षक के 51 हजार से अधिक रिक्त पदों पर बंपर भर्ती निकालने वाला है. नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा चुनाव से पहले योगी सरकार प्रदेश में माध्यमिक व राजकीय विद्यालयों में रिक्त शिक्षकों के पदों पर भर्ती करने जा रही है.
इतने पदों पर होगी भर्ती
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बेसिक शिक्षा विभाग में टीजीटी/ पीजीटी शिक्षकों के लगभग 51 हजार से अधिक पद रिक्त हैं, इसके अलावा राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों के 7 हजार 471 पद रिक्त हैं. तो वही बात करें प्रवक्ता तथा सहायक अध्यापकों के पदों कि तो बताया जा रहा है प्रवक्ता के 2115 जबकि सहायक अध्यापक के 5256 पद खाली हैं जिनपर भर्ती की जानी है.
CTET-UPTET पास कर सकेंगें आवेदन
उत्तर प्रदेश के प्राइमरी तथा अपर प्राइमरी सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती सुपर टेट परीक्षा (SUPER TET) के माध्यम से की जाती है, जिसका आयोजन उत्तर प्रदेश बेसिक एजुकेशन बोर्ड द्वारा किया जाता है. सुपर टेट परीक्षा में केवल वे अभ्यर्थी ही शामिल हो सकते हैं जिन्होंने यूपी टेट परीक्षा (Uttar Pradesh Teacher Eligibility Test– UPTET) पास की हो. बहुत से अभ्यर्थियों के मन में यह सवाल भी रहता है कि क्या सीटेट परीक्षा क्वालीफाई अभ्यर्थी यूपी शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल हो सकते हैं?
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती परीक्षा यानी सुपर टेट में शामिल होने के लिए उम्मीदवार को किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री तथा टीचिंग ट्रेनिंग कोर्स (D.El.Ed, BTC, B.Ed. आदि) पास किया होना चाहिए साथ ही UPBEB द्वारा आयोजित यूपी टेट परीक्षा पास होना जरूरी है. इसके अलावा पेपर -1 के लिए सीटेट पास अभ्यर्थी भी सुपर टेट परीक्षा देने के पात्र होते हैं.
यदि बात करें आयु सीमा की तो न्यूनतम 21 वर्ष से लेकर अधिकतम 40 वर्ष की आयु वाले अभ्यर्थी सुपर टेट परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं हालांकि उत्तर प्रदेश के मूल निवासी अभ्यर्थियों को कैटेगरी वाइज अधिकतम आयु में छूट का प्रावधान है अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक नोटिफिकेशन पढ़ें.
इच्छुक उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट ctet.nic.in पर जाकर अपना आवेदन सबमिट कर सकते हैं. सीटेट परीक्षा पास करने पर उम्मीदवार सुपर टेट के साथ ही केंद्र सरकार द्वारा संचालित केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय तथा आर्मी पब्लिक स्कूल आदि में निकलने वाली शिक्षकों की भर्ती में भी शामिल हो सकते हैं.
कब आएगा यूपीटीईटी नोटिफ़िकेशन? (UPTET 2023 Notification Update)
उत्तर प्रदेश में शिक्षक बनने की चाह रखने वाले लाखों अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी यूपीटीईटी के नोटिफिकेशन का इंतजार कर रहे हैं नवीनतम मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपीटीईटी परीक्षा का नोटिफिकेशन फ़रवरी 2023 के अंतिम सप्ताह या मार्च के पहले सप्ताह तक जारी किया जा सकता है। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अभ्यर्थी आधिकारिक वेबसाइट updeled.gov.in पर जाकर आवेदन कर पाएंगे. जिसके बाद अप्रैल महीने में ऑनलाइन मोड में UPTET परीक्षा आयोजित की जाएगी.
अधिक जानकारी के लिए अभ्यर्थी लगातार शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर विजिट करते रहें बता दें कि यूपीटीईटी परीक्षा में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी की उम्र 18 साल या उससे अधिक होनी चाहिए इसके साथ ही बैचलर डिग्री या समकक्ष डिप्लोमा होना जरूरी है।
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CTET Answer Key 2023: शिक्षक पात्रता परीक्षा की आंसर की करें डाउनलोड, जानें कब तक आयेगा परीक्षा परिणाम

CTET Answer Key 2023: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड याने CBSE द्वारा आयोजित की जाने वाली CTET परीक्षा आज 7 फ़रवरी को पूरी हो चुकी है, यह परीक्षा 28 दिसंबर अग़ल-अलग दिन दो शिफ्ट में आयोजित की जा रही है जिसमें शिक्षक बनने की चाह रखने वाले लाखों अभ्यर्थी शामिल हुए है। अब परीक्षा की समाप्ति के बाद अभ्यर्थी अपनी आंसर की जारी होने का इंतज़ार कर रहे है, बता दें कि परीक्षा समाप्ति के कुछ दिन के भीतर ही CBSE द्वारा आंसर की जारी कर दी जाती है।
इस दिन जारी होगी आंसर की
CTET परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थियों का इंतज़ार जल्द ही ख़त्म होने वाला है मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ CBSE द्वारा 11 फ़रवरी 2023 को आधिकारिक वेबसाइट ctet.nic.in पर CTET पेपर 1 तथा पेपर 2 की आंसर की जारी कर दी जाएगी। इसके बाद मार्च माह में फाइनल आंसर-की तथा परीक्षा परिणाम जारी किया जा सकता है।
बता दें आंसर की लिंक ऐक्टिव होने के बाद उम्मीदवार अपने रजिस्ट्रेशन नंबर तथा जन्म तारीख़ की सहायता से आधिकारिक वेबसाइट पर लॉगिन कर अपनी उत्तर कुंजी डाउनलोड कर पाएँगें।
परीक्षा में लागू होगा नॉर्मलिज़ेशन
सीबीएसई द्वारा दिसंबर 2021 में पहली बार CTET परीक्षा ऑनलाइन आयोजित की गई थी, तथा इस बार भी यह परीक्षा ऑनलाइन ही आयोजित हुई है। चुकी परीक्षा का आयोजन अलग- अगल दिन कई शिफ़्टों में किया गया है लिहाज़ा परीक्षार्थियों के मध्य समान प्रतिस्पर्द्धा क़ायम रखने के लिए नॉर्मलिज़ेशन व्यवस्था को लागू किया गया है। बता दें कि परीक्षा में नॉर्मलिज़ेशन होने की जानकारी CBSE द्वारा नोटिफिकेशन जारी कर पहले ही दे दी गई थी।
CTET Exam Cut Off 2023
सीटीएटी परीक्षा में कैटेगरी वाइज कटऑफ़ निर्धारित किया गया है। पेपर 1 तथा पेपर 2 के लिए कट ऑफ अंक समान है। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी को इस परीक्षा में पास होने के लिए 60 प्रतिशत अंक याने 150 नंबर के पेपर में 90 अंक लाना होगा, जबकि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को 55 प्रतिशत अंक यानें 150 अंक के पेपर में 82 अंक लाना होगा।
Category | Minimum qualifying percentage | Minimum qualifying Marks |
Schedule Caste (SC) | 55% | 82 out of 150 |
Schedule Tribe (ST) | 55% | 82 out of 150 |
CTET Exam 2023 Important FAQs
नहीं, CBSE द्वारा आयोजित सीटीईटी परीक्षा में किसी भी प्रकार की नकारात्मक मार्किंग नहीं की जाती है।
आजीवन, CTET परीक्षा पास करने वालों अभ्यर्थियों को मिलने वाले सर्टिफिकेट की वैद्यता लाइफ टाइम कर दी गई है जो पहले 7 वर्ष थी।
इस परीक्षा में शामिल होने के लिए अधिकतम उम्र सीमा निर्धारत नहीं है, हालाकि न्यूनतम आयु 18 वर्ष होना चाहिए।
उम्मीदवार जीतने बार चाहे उतने बार सीटीईटी परीक्षा में शामिल हो सकते है, जो अभ्यर्थी इस परीक्षा में पास हो चुके है वे अपने स्कोर को सुधार के लिए दुबारा परीक्षा दे सकते है।
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CTET 2022-23: लेव वाइगोत्सकी के सिद्धांत से परीक्षा में पूछे जा रहे है ये सवाल, अभी पढ़ें

Lev Vygotsky’s Theories Based MCQ For CTET: शिक्षक बनने के लिए जरूरी सीटेट यानी केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन 7 फरवरी 2023 तक ऑनलाइन सीबीटी मोड में किया जा रहा है. यह परीक्षा 29 दिसंबर 2023 से शुरू हुई थी तथा अब 3, 4, 6 तथा 7 फरवरी को परीक्षा का आयोजन होना बाकी है. यदि आप भी आगामी सीटेट परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं तो इस आर्टिकल में दी गई जानकारी आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.
यहां पर हम नियमित रूप से सीटेट परीक्षा के लिए प्रैक्टिस सेट शेयर करते रहे हैं। इसी श्रृंखला में आज हम लेव वाइगोत्सकी के सिद्धांत पर आधारित कुछ ऐसे सवाल लेकर आए हैं, जो की परीक्षा में पूछे जा सकते हैं। तो लिए जाने इन महत्वपूर्ण सवालों को जो की इस प्रकार हैं।
लेव वाइगोत्सकी के सिद्धांत से जुड़े संभावित प्रश्न—CTET Exam Lev Vygotsky’s Theories Related Questions
1. लेव वाइगोत्स्की के अनुसार, निम्न में से किसके लिए “समीपस्थ विकास क्षेत्र” का इस्तेमाल करना चाहिए?
1. अध्यापन और मूल्याँकन
2. केवल अध्यापन
3. केवल मूल्यांकन
4. प्रवाही बौद्धिकता की पहचान
Ans- 1
2. एक विशिष्ट संप्रत्यय को पढ़ाने हेतु एक अध्यापिका बच्चे को आधा हल किया हुआ उदाहरण देती है। लेव वायगोत्सकी के अनुसार अध्यापिका किस रणनीति का इस्तेमाल कर रही है?
1. अवलोकन अधिगम
2. पाड़
3. द्वंद्वात्मक अधिगम
4. अनुकूलन
Ans- 2
3. ‘समीपस्थ विकास के क्षेत्र का संप्रत्यय किसने प्रतिपादित किया है?
1. जेरोम ब्रूनर
2. डेविड ऑसबेल
3. रोबर्ट एम. गायने
4 लेव व्यागोत्सकी
Ans- 4
4. रश्मि अपनी कक्षा में विद्यार्थियों के सीखने की क्षमता को ध्यान में रखकर विभिन्न प्रकार के कार्यकलापों का उपयोग करती है और सहपाठियों द्वारा अधिगम को बढ़ावा देने के लिए समूह भी बनाती है। निम्नलिखित में से कौन-सा इसका समर्थन करता है?
1. सिग्मंड फ्रॉयड का मनो यौनिक सिद्धांत
2. लेव वायगोत्सकी का सामाजिक सांस्कृतिक सिद्धांत
3. लॉरेंस कोहलबर्ग का नैतिक विकास का सिद्धांत
4. बी. एफ. स्किनर का व्यवहारवादी सिद्धांत
Ans- 2
5. वायोगात्सकी के सिद्धांत के अनुसार ‘निजी संवाद’
1. बच्चों के आत्मकेंद्रीयता का घोतक है।
2. बच्चों के क्रियाकलापों और व्यवहार का अवरोधक है।
3. जटिल कार्य करते समय बच्चे को उसके व्यवहार संचालन में सहायता देता है।
4. यह संकेत देता है कि संज्ञान कभी भी आंतरिक नहीं होता।
Ans- 3
6. कौन सा कथन लेव व्यागोत्सकी के मूल सिद्धांत को सही मायने में दर्शाता है?
1. अधिगम एक अन्तमन प्रक्रिया है।
2. अधिगम एक सामाजिक क्रिया है।
3. अधिगम उत्पतिमूलक क्रमादेश है।
4. अधिगम एक अक्रमबद्ध प्रक्रिया है जिसके चार चरण है।
Ans- 2
7. इनमें से कौन-सा अध्यापक द्वारा पाड़ का उदाहरण नहीं है?
1. अनुकरण के लिए कौशलों का प्रदर्शन करना
2. रटना
3. इशारे एवं संकेत
4. सहपाठियों संग साझा शिक्षण
Ans- 2
8. लेव वायगोत्सकी के संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत को ……….. कहा जाता है क्योंकि वे तर्क देते हैं कि बच्चों का सीखना संदर्भ में होता है।
1. मनोगतिशील
2. मनोलैंगिक
3. सामाजिक सांस्कृतिक
4. व्यवहारात्मक
Ans- 3
9. जब कोई अध्यापिका किसी विद्यार्थी को उसके विकास के निकटस्थ क्षेत्र पर पहुंचाने के लिए सहायता को उसके निष्पादन के वर्तमान स्तर के अनुरूप है, तो अध्यापिका किस नीति का प्रयोग कर रही है। कर रही है।
1. सहयोगात्मक अधिगम का प्रयोग
2. अंतर पक्षता का प्रदर्शन
3. पाड़
4. विद्यार्थी में संज्ञानात्मक द्वंद पैदा करना
Ans- 3
10. लेव वायगोत्सकी द्वारा दिए बच्चों के विकास का सिद्धांत किस पर आधारित है ?
1. भाषा और संस्कृति
2. भाषा और परिपक्वता
3. भाषा और भौतिक जगत
4. परिपक्वता और संस्कृति
Ans- 1
11.समीपस्थ विकास के क्षेत्र’ की संरचना किसने प्रतिपादित की थी?
1. लॉरेंस कोहल
2. लेव वायगोत्स्की
3. ज़ोरोंन ब्रूनर
4. जीन पियाजे
Ans- 2
12. निम्न में से कौन-सा कथन बच्चों के संज्ञानात्मक विकास के विषय में जीन पियाजे और लेव वायगोत्सकी के विचारों के बीच मुख्य अंतर दर्शाता है?
1. पियाजे बच्चों के स्वतंत्र प्रयासों द्वारा जगत को अनुभव करने पर जोर देते हैं, जबकि वायगोत्स्की संज्ञानात्मक विकास को सामाजिक मध्यस्थ प्रक्रिया के रूप में देखते हैं।
2. पियाजे बच्चों को सक्रिय स्वतंत्र जीव के रूप में देखते हैं, जबकि वायगोत्स्की उन्हें मुख्यतः वातावरण द्वारा नियंत्रित जीव के रूप में देखते हैं।
3. पियाजे भाषा को बच्चों के संज्ञानात्मक विकास के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं, जबकि विकास पर बल देते हैं।
4. पियाजे के अनुसार बच्चे अपने मार्गदर्शन के लिए स्वयं से बात कर सकते हैं, जबकि वायगोत्सकी के लिए बच्चों की बात आत्मकेन्द्रीयता का द्योतक है।
Ans- 1
13. एक अध्यापिका शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में विद्यार्थियों को सहपाठियों से अंतः क्रिया कराकर एवं सहारा देकर अध्यापन करती है। यह शिक्षण अधिगम की प्रक्रिया किस पर आधारित है ?
1. लॉरेंस कोहलबर्ग के नैतिक विकास सिद्धांत पर
2. जीन पियाजे के संज्ञानात्मक विकास सिद्धांत पर
3. लेव वायगोत्स्की के सामाजिक-सांस्कृतिक सिद्धांत पर
4. हावर्ड गार्डनर के बहुआयामी बुद्धि सिद्धांत पर
Ans- 3
14. वायगोत्स्की के सिद्धान्त के अनुसार ‘सहायक खोज’ किस में सहायक है।
1. संज्ञानात्मक द्वंद्व
2. उत्प्रेरक-प्रतिक्रिया सहचर्य
3. पुनर्बलन
4. सहपाठी- सहयोग
Ans- 4
15. कक्षा में विद्यार्थियों को त्यौहारों को मनाने के अपने अनुभवों को साझा करने के देना और उसके आधार पर सूचना निर्मित करने को बढ़ावा देना किसका उदाहरण है। ?
1. व्यवहारवाद
2. पाठ्यपुस्तक आधारित अध्यापन
3. सामाजिक संरचनावाद
4. प्रत्यक्ष निर्देशन
Ans- 3
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