Amazing Facts: आखिर मौसम विभाग को बारिश कितनी, कहा और कब होगी केसे पता चल जाता है, जानिए पूरी जानकारी
Amazing Facts In Hindi: बारिश का मौसम अभी जारी है, विभिन्न जगहों पर लगातार बारिश हो रही है, तथा ज्यादा बारिश की वजह से बाढ़ जेसी समस्याए देखने को मिल रही है, जिनके कारण हादसे भी हो रहे है, लेकिन क्या आपको पता है की आखिर मौसम विभाग को बारिश के होने की खबर पता केसे चल जाती है, तथा उनका यह अनुमान काफी हद तक सही भी होता है, तो आइए जानते है कि , मौसम विभाग को बारिश के होने की जानकारी पहले से ही केसे पता चल जाती है!
बारिश के होने की जानकारी कहा से पता होती है ?
बारिश कब होगी, कितनी होगी, कहा होगी आखिर ये हमे पता केसे चलता है, यह सवाल आपके मन मे कभी न कभी जरूर उत्पन्न हुआ होगा, आपने इसके बारे मे कही पढ़ा होगा की ये बारिश की जानकारी अंतरिक्ष मे लगे हुए सेटेलाइट के कारण पता चलता है, परंतु सेटेलाइट से हमे सिर्फ यह पता चलता है की इस जगह पर कब पानी बरसेगा । लेकिन सेटेलाइट से हमे यह जानकारी नहीं मिल पाती है कि, कहा पर कितनी बारिश होगी। जब तक हमे यह मालूम नहीं होता की कितनी बारिश होने वाली है, तब तक हम बाढ़ जेसी स्थिति से नहीं संभल पाएंगे ।
भारत में प्राकृतिक आपदा से जुड़ी जानकारी ( India meterological department ) के द्वारा मिलती है। जिसे हिंदी में भारत मौसम विज्ञान विभाग भी कहते हैं। यही वह एजेंसी है जो भारत में मौसम की जानकारी देती है, आपको बता दें कि, भारत में तूफान ,बारिश या मौसम की स्थिति को जानने के लिए रडार लगाए हुए है। जिसे डॉप्लर रडार कहा जाता है, डॉप्लर रडार की बात करें तो यह बिल्कुल वैसे ही काम करते है जेसे आपके घर के डिश टीवी की छतरी करती है। यह रडार डॉपलर इफेक्ट का इस्तेमाल करके अति सूक्ष्म तरंगों को कैच कर लेता है, इस रडार में से अति सूक्ष्म तरंगे निकलती है जो बादलों में जाकर टकराती है और फिर यह तरंग वापस लोट आती है, इस रडार में कई सेंसर लगे होते हैं जो सेंसर अति सूक्ष्म तरंगों की डायरेक्शन को कैप्चर कर एक इमेज बना देते हैं, जो कि मौसम विभाग इस इमेज से मौसम का पता लगाते है।
यह रडार इतना स्मार्ट होता है जो कि, बूंदों की स्पीड के साथ साथ उनकी दिशा का भी पता लगा लेता है, और इन सभी जानकारियों को हर मिनट अपडेट भी करता है। इसी डेटा के बेस पर मौसम विभाग यह अनुमान लगा सकता है की किस इलाके मे कितनी बारिश होगी। या तूफान आएगा। दोस्तों इस रडार की सबसे बड़ी समस्या यह है की यह मौसम विभाग की जानकारी ज्यादा से ज्यादा 4 घंटे पहले ही दे सकता है।
दोस्तों अब आपको यह जानकारी मिल गई होगी की मौसम विभाग को बारिश की सारी जानकारी केसे मिलती है।
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